- बोरविहिर ग्राम पंचायत के सहयोग से आक्सीजन पॉजिटिव कर रहा विकसित
मुंबई। बोरविहिर ग्राम पंचायत के सहयोग से आक्सीजन पॉजिटिव महाराष्ट्र के धुले में देश का पहला पंचायत अभयारण्य विकसित करने जा रहा है। देश में अपनी तरह की इस पहली और अनूठी पहल के तहत आक्सीजन पॉजिटिव ने देश के गांवों में लघु वन पंचायत अभयारण्यों के विकास की शुरुआत की है, ताकि जलवायु संकट के खिलाफ स्थानीय स्तर पर प्रतिरोधी क्षमता विकसित की जा सके और आक्सीजन के संतुलन को बनाए रखा जा सके।
देश में जलवायु संकट के प्रति संवेदनशील जगहों की निशानदेही के सिलसिले में आक्सीजन पॉजिटिव यहां पहुंचा। दिल्ली स्थित इस गैर लाभकारी संगठन ने अपने स्थानीय सहयोगियों के जरिए बुलाई गई ग्राम सभा में लघु वनों की अपनी परिकल्पना का खाका पेश करते हुए बताया कि इनमें हवा से ज्यादा से ज्यादा कार्बन डाई आक्साइड खींचने और बदले में अधिकतम आक्सीजन छोड़ने वाले देसी पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।
पंचायत अभयारण्य की पहल की सोच के पीछे मकसद सतत और सुव्यवस्थित तरीके से प्रकृति का पुनर्नवीकरण करने का है ताकि यह समुदाय के लोगों को दीर्घकालिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक लाभ प्रदान कर सके।
एक स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद पर्यावरण की दिशा में कार्यरत आक्सीजन पॉजिटिव दिल्ली स्थित एक गैरसरकारी संगठन है जिसे पहले ओएच2 फाउंडेशन के नाम से जाना जाता था। संगठन का ध्येय हवा में आक्सीजन के संतुलन को संरक्षित रखना और प्रकृति आधारित समाधानों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से मुकाबले में सहायता करना है।
सभा को संबोधित करते हुए आक्सीजन पॉजिटिव के संस्थापक निदेशक रजत कुमार ने कहा, ‘धरती और इसके निवासियों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा करने वाली इस समस्या के मूल में हरित क्षेत्र के अप्रत्याशित रफ्तार से कम होने और रोजमर्रा के जीवन में जीवाश्म ईंधन पर हमारी अत्यधिक निर्भरता है। इसकी वजह से वायुमंडल में मौजूद आक्सीजन का क्षरण भी शुरू हो गया है जो हम सभी के लिए खतरे की घंटी है।’
पंचायत अभयारण्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए रजत कुमार ने कहा, ‘हरित क्षेत्र को बढ़ाने वाले प्रकृति आधारित समाधानों में निवेश को हमेशा से समय की कसौटी पर खरे उतरे उपाय के तौर पर माना गया है लेकिन फिर भी जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के औजार के रूप में इसकी भूमिका कमतर रही है। हमारा मानना है कि देश के हर गांव में एक पंचायत अभयारण्य स्थानीय पारिस्थितिकी को न सिर्फ स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा, बल्कि यह पेरिस समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन घटाने के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी सहायक होगा।’
बोरविहिर पंचायत के ‘पुलिस पाटिल’ वाल्मीक सोनावणे ने कहा, ‘प्रकृति के साथ तादाम्यता जीवन की सुरक्षा एवं प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक है। आक्सीजन पॉजिटिव के साथ महाराष्ट्र के धुले जिले के बोरविहिर गांव में देश के पहले पंचायत अभयारण्य की स्थापना को लेकर अन्य ग्रामीणों के साथ वे भी उत्साहित हैं।’
सभा में स्थानीय ग्राम पंचायत के सदस्य, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, स्कूल के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के अलावा आस पास के किसान और बोरविहिर के ग्रामीण मौजूद थे।
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