दिल्‍ली से मुक्‍त कराई गई झारखंड की 14 नाबालिग सहित 19 लड़कियां, 2 मानव तस्कर गिरफ्तार

झारखंड
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रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक/बालिकाओं को मुक्त कराकर उनके घरों में पुनर्वासित किया जा रहा है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली और साहिबगंज पुलिस ने दो मानव तस्कर को पकड़ा।

मानव तस्‍कर के घर से बरामद दस्तावेज के आधार पर 19 लड़कियों को मुक्त कराया। उनमें 12 से 15 साल के बीच की 14 बच्चियां और 18 साल से अधिक की 5 लड़कियां पाई गईं। सभी झारखंड के साहिबगंज जिला के बोरियो प्रखंड की निवासी हैं। इन्हें नई दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से अभियान चलाकर मुक्त कराया गया। इस कार्य में झारखंड पुलिस को झारखंड भवन, नई दिल्ली और दो स्थानीय एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन के संचालक वीरेंद्र कुमार एवं रेस्क्यू फाउंडेशन के अक्षय पांडे ने मदद की।

एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र नई दिल्ली की नोडल ऑफिसर श्रीमती नचिकेता ने बताया कि उन्हें झारखंड के बोरियो पुलिस द्वारा यह सूचना दी गई थी कि एक मानव तस्कर कई लड़कियों को बहला फुसलाकर दिल्ली लाया है। पुलिस द्वारा दी गई सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस थाने से संपर्क स्थापित कर दो मानव तस्करों को पकड़ा गया। तस्करों के घर पर ही एक बच्ची मिली, जिसे वह मानव तस्करी कर दिल्ली लाया था।

मानव तस्करों के मिलते ही साहि‍बगंज के एसपी कुमार गौरव को सूचना दी गई। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक पुलिस टीम को दिल्ली के लिए रवाना किया। राजेश कुमार के नेतृत्व में दिल्ली आई बोरियो पुलिस ने मानव तस्करों के घर से मिले दस्तावेज के आधार पर दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में छापामारी कर लड़कियों को मुक्त कराया। सभी को दिल्ली के विभिन्न जिले के सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) में प्रस्तुत किया जाएगा। वैधानिक कार्रवाई के बाद उन्हें झारखंड महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वापस उनके घरों में पुनर्वासित किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि ऐसे मामले मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाए। संबंधित जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी आदेश दिया गया है कि ऐसे मामले मिलते ही टीम बनाकर नई दिल्ली रवाना की जाए। बच्चों को सुरक्षित तरीके से उनके घरों में पुनर्वासित करते हुए झारखंड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का उन्हें लाभ दिया जाए। वहीं इनकी सतत निगरानी भी की जाए।

एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के राहुल सिंह एवं निर्मला खलको ने बताया गया कि टोल फ्री नंबर 10582 नंबर के माध्यम से भी झारखंड की तस्करी के शिकार बच्चों-बच्चियों की सूचना प्राप्त होती है। मुक्त की गईं बच्चियों की काउंसेलिंग की जाएगी। उनके संबंधित जिले के डीसीपीओ के माध्यम से होम वेरिफिकेशन करा कर साहि‍बगंज के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा पुनर्वासित किया जाएगा।

दिल्ली में मुक्त करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था। झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें यहां लाते हैं। विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं। इससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है। इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है।

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