रांची। प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की जारी सरप्लस सूची में काफी खामियां हैं। इसे लेकर शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। यह कार्य एक वर्ष से अधिक से ही चल रहा है। चार से पांच बार सूची जारी की गई। प्रत्येक सूची में अलग-अलग शिक्षकों के नाम थे। उक्त बातें अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के पदधारियों ने कही।
संघ के प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि सरप्लस की गणना जिला पीटीआर द्वारा की गई है, जबकि इसे विद्यालयवार आरटीई मानक के अनुसार किया जाना चाहिए। आरटीई के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 5 में कम से कम 2 शिक्षक होना चाहिए।
मध्य विद्यालयों में कम से 3 शिक्षक को रखा जाना है। इसमें विज्ञान एक, सामाजिक विज्ञान एक और भाषा में एक शिक्षक होना चाहिए। ऐसा नहीं करते हुए कई प्राथमिक विद्यालय में एकल शिक्षक और कई मध्य विद्यालय के कक्षा 6 से 8 को शिक्षकविहीन कर दिया गया है। सहायक अध्यापक (पारा शिक्षकों) की संख्या की गणना की गई है। हालांकि सरप्लस शिक्षकों में उनका नाम नहीं जोड़ा जा रहा है।
झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली-2021 के अनुसार इनका भी स्थानांतरण और समायोजन पंचायत व प्रखंड स्तर तक किया जाना है। इस कारण कई प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जा रहे हैं। मध्य विद्यालय 1 से 8 में भी केवल पारा शिक्षक ही बच रहे हैं।
सरप्लस शिक्षकों की गणना के लिए शिक्षकों का डाटा फरवरी 2022 और छात्र संख्या डाटा दिसंबर 2022 का लिया गया है। अभी वर्ष 2023-24 चल रहा है। स्थानांतरण कार्य दिसंबर, 2023 में होना है। इससे अधिकांश स्कूलों में छात्र एवं शिक्षकों की संख्या भी बदल गई है। अतः इसे 2023-24 का डाटा लिया जाना चाहिए। जिले द्वारा जारी सरप्लस एवं वैकेंसी सूची में विसंगति है। जिले द्वारा जारी सरप्लस सूची में कई विद्यालय से कम शिक्षकों को सरप्लस बनाया गया है। कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें सूची में सरप्लस दिखाया गया है परंतु ऑनलाइन खोलने पर यू आर नॉट ए सरप्लस टीचर लिख दिख रहा है। डीएसई द्वारा जारी की गई सूची में जिस विद्यालय में वैकेंसी दिख रहा है, ऑनलाइन खोलने पर उनका नाम नहीं है। इससे शिक्षक चाहकर भी उन विद्यालयों का ऑनलाइन ऑप्शन नहीं चुन पा रहे हैं।
कक्षा 6 से 8 शिक्षकों की सरप्लस की सूची कैटिगरी वाइज जारी की गई है। हालांकि वैकेंसी लिस्ट ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों में केवल संख्या दर्शाई गई है। कैटेगरी नहीं बताया गया है। इसकी वजह से विद्यालय में 6 से 8 के लिए कैटेगरी में ऑनलाइन आवेदन करना गलत हो जा रहा है। वैकेंसी में विद्यालय में कैटेगरी वाइज पद दर्शाया जाना चाहिए।
शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यकाल के लिए केवल वर्तमान पदस्थापित विद्यालय की अवधि का गणना की गई है। जबकि पूरे सेवाकाल में की गणना करनी चाहिए। सेवाकाल अवधि गणना वाले प्वाइंट के लिए जोन वाइज अधिकतम अंक निर्धारित कर देने से वरीय शिक्षकों का अंक भी कनीय शिक्षकों के बराबर हो जा रहा है। इसमें भी सुधार की जरूरत है। सरप्लस शिक्षकों की सूची और मेघांक दोनों में सुधार करते हुए पुनः नए सिरे से आवेदन करने का निर्देश दिया जाय।
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