नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के आदेश को वैध माना। कोर्ट ने चुनाव आयोग 30 सितंबर तक नए परिसीमन के आधार पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा।
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र राज्य सरकार की जगह फैसले ले सकता है। अनुच्छेद 370 अस्थायी व्यवस्था थी। राष्ट्रपति के लिए जरूरी नहीं कि जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश पर ही 370 पर कोई आदेश जारी करें।
कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चुनाव आयोग 30 सितंबर 2024 तक नए परिसीमन के आधार पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए। राज्य का दर्जा भी जितना जल्द संभव हो, बहाल किया जाए।
अनुच्छेद 370 मामले पर अलग से दिए फैसले में जस्टिस संजय किशन कौल ने जम्मू-कश्मीर में 80 और 90 के दशक में हुई हिंसा का ज़िक्र किया है। हिंसा की सच्चाई जानने और लोगों को कुछ राहत देने के लिए कमेटी बनाने का सुझाव दिया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। जजों की खंडपीठ ने इस मामले में 16 दिन तक सुनवाई की।
सुनवाई के बाद 5 सितंबर, 2023 को संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कपिल सिब्बल सहित देश के जाने-माने करीब 24 वकीलों ने अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में तर्क दिए थे।
बतातें चलें कि संसद ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिला विशेष दर्जा खत्म किया था। साथ ही, राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।
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