रांची। छात्रों का गुस्सा CGL परीक्षा रद्द होने पर फूटा। नाराज छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय का घेराव 15 नवंबर, 2023 को किया। आयोग व सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। यह छात्रों का स्वत:स्फूर्त आंदोलन है। उन्होंने हेमंत कुर्सी छोड़ो का नारा दिया।
छात्रों ने कहा कि हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के युवाओं को दो वर्ष के अंदर पांच लाख नौकरी देने की वादा किया था। समय-समय पर युवाओं द्वारा नौकरी की मांग उठने लगी। दबाव को देखते हुए हेमंत सरकार ने आनन-फानन में 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर दिया। यह पूरी तरह असफल रहा।
छात्रों द्वारा जब भी नियुक्ति की मांग की गई, तब सरकार एक महीने में 20 हजार, दो महीने में 30 हजार नियुक्ति करती रही। आश्वासन पर आश्वासन देकर चार वर्ष गुजार दी। इससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। जेपीएससी व जेएसएससी पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है। समय पर कोई परीक्षा नहीं ले रहा है। हर परीक्षा विवादित हो जाती है। अंत में रद्द कर दी जाती है। परीक्षा के इंतजार में लाखों छात्र की उम्र खत्म हो रही है या हो गई है।
छात्रों ने कहा कि CGL की वैकेंसी 2016 में निकाली गई थी। कई बार रद्द हो चुकी परीक्षा होने वाली थी। कुछ दिन पहले आयोग ने परीक्षा लेने में असमर्थता जताई। इसे स्थगित कर दिया, जिससे आक्रोशित हजारों छात्रों ने 15 दिसंबर को कार्यालय घेराव की रणनीति बनाई। कंपकंपाती ठंड में आयोग के कार्यालय की घेराबंदी की। सभी परीक्षा शीघ्र व पारदर्शी तरीके से कराने की मांग की। सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।
आंनदोलन में मुख्य रूप से राजेश ओझा, विशाल पाल, प्रकाश पोद्दार, काजल मंडल, कुणाल प्रताप, सत्यनारायण शुक्ला, विनय मेहता, अरुण अग्रवाल, भारती खुशवाहा, अनुज शंकर, इमाम सफी, अनिल मिश्र, संजय तिवारी, पवन झा, स्मृति एश्वर्या, राजा दास, रामशरण जैसे छात्र एवं शिक्षक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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