‘सदैव अटल’ समाधि स्थल पहुंचे राष्ट्रपति मुर्मू-पीएम मोदी, दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा…।’ एक कविता की यह पंक्तियां किसी शहीद के स्मारक को देख कर सकार हो उठती है। सोमवार (25 दिसंबर 2023) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता आज सुबह सदैव अटल समाधि स्थल पहुंचे हैं। वहां सभी लोगों ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपाई को श्रद्धांजलि दी।

इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अनुराग ठाकुर समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद हैं। बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा समेत कई अन्य नेता भी सदैव अटल समाधि स्थल पहुंचे और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपाई को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इससे पहले पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट लिखा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जीवन पर्यन्त राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे।

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जयंती पर देश के सभी परिवारजनों की ओर से मेरा कोटि-कोटि नमन। वह जीवनपर्यंत राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे। मां भारती के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अमृतकाल में भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा।”

बताते चलें कि, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 1924 में आज ही के दिन जन्म हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापकों में एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था।

इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बनें और 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता बने जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। उनका 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया था।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर पोस्ट किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि अटल जी का विराट योगदान देश हमेशा याद रखेगा। साथ ही उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यों को याद किया है।

उन्होंने लिखा, ‘अटल जी ने निःस्वार्थ भाव से देश व समाज की सेवा की और भाजपा की स्थापना के माध्यम से देश में राष्ट्रवादी राजनीति को नई दिशा दी। जहां एक ओर उन्होंने परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध में विश्व को उभरते भारत की शक्ति का एहसास करवाया।’