बातचीत की शैली में बदलाव के संकेत देगा मानव रोबोट

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बेंगलूरु। अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), बेंगलूरु के शोधकर्ताओं ने मानव-रोबोट इंटरेक्शन में मॉडलिंग जुड़ाव के लिए एक व्याख्यात्मक और उपयोग में आसान पाइपलाइन विकसित की है। जुड़ाव की भविष्यवाणी करने के अलावा, पाइपलाइन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, दृष्टिकोण और भावना में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

इस अभिनव दृष्टिकोण में बिग फाइव व्यक्तित्व लक्षण, इंटरपर्सनल सर्कम्प्लेक्स (आईपीसी) और ट्रायंडिस थ्योरी ऑफ इंटरपर्सनल बिहेवियर (टीआईबी) शामिल है। यह शोध आईआईआईटी के प्रोफेसर श्रीशा राव की देखरेख में स्नातक के छात्र सोहम जोशी और अर्पिता मालवल्ली ने तैयार किया है।

इस अध्ययन के वरिष्ठ शोधकर्ता प्रोफेसर श्रीशा राव बताते है कि चैट-बोट्स का उपयोग करने वाले ग्राहकों में कम जुड़ाव का अनुमान विभिन्न दृष्टिकोण और भावनाओं वाले मनुष मनुष्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चैट-बोट्स की बातचीत शैली में बदलाव का आवश्यकता का संकेत दे सकता है।

सोहम जोशी बताते हैं कि हमारा लक्ष्य मानव-रोबोट इंटरैक्शन में एक भविष्यवाणी पाइपलाइन बनाना है, जो जुड़ाव के इस मानव- समान मूल्यांकन की नकल करता है।

अर्पिता मलवल्ली कहती हैं कि हम दिखाते है कि इंटरपर्सनल बिहेवियर की ट्रेन्डिस थ्योरी और मानव दृष्टिकोण और भावना और व्यवहार के बीच प्रस्तावित सहसंबंध वास्तव में मानव-रोबोट इंटरैक्शन के लिए सही है।

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