- आदिवासी भाषा साहित्य और संस्कृति पर हर दिन आयोजित होंगे तीन सत्र
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में 18 दिसंबर, 2023 से ‘किताब उत्सव’ का आयोजन हो रहा है। राजकमल प्रकाशन समूह का यह कार्यक्रम 24 दिसंबर तक चलेगा। ‘किताब उत्सव’ के दौरान पुस्तक प्रदर्शनी लगाने के साथ ही विभिन्न सत्रों में आदिवासी भाषा साहित्य और संस्कृति पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें सामयिक महत्व के विषयों पर परिचर्चा, पाठक-लेखक सम्मिलन, रचना पाठ, नई किताबों का लोकार्पण और उन पर बातचीत समेत अनेक गतिविधियां शामिल हैं। छह दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में झारखण्ड के साथ-साथ देशभर के अनेक साहित्यकार हिस्सा लेंगे।
‘किताब उत्सव’ उद्घाटन 18 दिसंबर को अपराह्न 3 बजे महादेव टोप्पो, वन्दना टेटे, वाल्टर भेंगरा ‘तरुण’ और रणेन्द्र की उपस्थिति में होगा। इसके बाद संस्थान की संथालों पर केन्द्रित किताबों पर सत्र होगा। शाम को सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी।
‘किताब उत्सव’ के दौरान ‘हमारा झारखंड हमारे गौरव’ नाम से प्रतिदिन एक सत्र आदिवासी साहित्य के पुरखों के नाम होगा। इसमें आदिवासी लेखन के शुरुआती रचनाकारों के लेखन पर परिचर्चाएं होंगी।
आगामी दिनों में कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में सुजाता सिंह, संजय सिन्हा, रवि वाजपेयी, इन्द्र कुमार चौधरी, अंजना सिंह, लालजी राणा, अंजू टोप्पो, रणेन्द्र, संजय बाड़ा, सावित्री बड़ाइक, विनोद कुमार, प्रज्ञा गुप्ता, मनोज भक्त, सावित्री बड़ाइक, पंकज मित्र, विनोद कुमार सिंह, रवि भूषण, वासवी कीड़ो, आलोका कुजूर, डॉ. संजय बसु मिल्लक, डॉ. गुंजल इकिर मुण्डा, मोनिका रानी टूटी, अश्विनी कुमार पंकज, पार्वती तिर्की, वासवी कीड़ो, अशोक प्रियदर्शी, प्रमोद कुमार झा, राकेश कुमार सिंह, रश्मि शर्मा, रवि भूषण, डॉ. मृदुल प्रसाद, माया प्रसाद, नागेश्वर सिंह, मल्ली गांधी, राही डूमरचीर, जितेन्द्र सिंह, विद्या भूषण, दुमनी गाय मुर्मू, दमयन्ती सिल, प्रेमचन्द उरांव समेत अनेक साहित्यकार उपस्थित रहेंगे।
राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा, ‘झारखंड से राजकमल का बहुत पुराना जुड़ाव है। हमने प्रेमचन्द युग के कथाकार राधाकृष्ण और आदिवासी समाज के महान पुरखे रामदयाल मुंडा से लेकर वर्तमान में सक्रिय जसिंता केरकेट्टा, अनुज लुगुन और पार्वती तिर्की तक यहां के साहित्यकारों को प्रकाशित किया है। हमारा संकल्प देश-दुनिया के उत्कृष्ट साहित्य और ज्ञानोपयोगी किताबों को हर आयु वर्ग के लोगों तक पहुंचाने का है। ‘किताब उत्सव’ का आयोजन भी हमारे इसी संकल्प का हिस्सा है।’
गौरतलब है कि ‘किताब उत्सव’ शृंखला की शुरुआत राजकमल प्रकाशन के 75वें स्थापना वर्ष में की गई थी। इस साहित्यिक यात्रा के तहत पिछले दो वर्षों से लगातार भोपाल और पटना में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इससे पहले वाराणसी, चंडीगढ़ और मुम्बई में भी यह आयोजन हो चुका है। आगामी दिनों में लखनऊ और मुंबई में ‘किताब उत्सव’ प्रस्तावित है।
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