चारित्रिक रूप से उन्नत हुए बिना सफलता अर्जित नहीं की जा सकती : प्रो. पाठक

झारखंड
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  • श्री ध्यानेश्वर और संत श्री तुकाराम लेक्चर श्रृंखला एवं ओरिएंटेशन कार्यक्रम

रांची। पुणे स्थित एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में 28वें श्री ध्यानेश्वर और संत श्री तुकाराम लेक्चर श्रृंखला एवं ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन 24 से 30 नवंबर तक किया जा रहा है। कार्यक्रम से देश भर से कई मशहूर शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में बोलते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. गोपाल पाठक ने व्यक्ति के चरित्र निर्माण पर जोर दिया। प्रो. पाठक ने कहा कि चारित्रिक रूप से उन्नत हुए बिना सफलता सही मायने में अर्जित नहीं की जा सकती। चाहे वह व्यक्ति कितनी भी शिक्षा और ज्ञानार्जन कर ले। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अपने उज्ज्वल चरित्र के कारण ही वे रावण पर भारी पड़े। उसके पापों का शमन किया। गीता में श्री कृष्ण के विचारों को भी उद्धृत किया।

इस कार्यक्रम में मशहूर कंसल्टेंट हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. रामचरण ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता एमआईटी के अध्यक्ष सह संस्थापक डॉ. विश्वनाथ कराद और संरक्षक डॉ. राहुल कराद ने प्रो. पाठक के चरित्र निर्माण संबंधित वक्तव्य की सराहना की।

इस कार्यक्रम के लिए सरला बिरला विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति बिजय कुमार दलान और मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी माननीय डॉ. प्रदीप वर्मा ने अपने शुभकामनाएं दी।

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