पटना। बड़ी खबर बिहार से आ रही है, जहां स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने पर 19 प्रधानाध्यापकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रतिदिन वैसे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक कर रहे हैं, जहां बच्चों की उपस्थिति अब भी 50 प्रतिशत से कम रह रही है।
बैठक में प्रधानाध्यापकों से उपस्थिति कम होने की वजह जानने के साथ ही उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझाव भी दिये जा रहे हैं।
मंगलवार को हुई बैठक में 50 स्कूलों के प्रधानाध्यपकों को बुलाया गया था, जिनमें से 31 स्कूलों के ही प्रधानाध्यापक शामिल हुए। बैठक में शामिल नहीं होने वाले 19 वैसे स्कूलों के प्रधानाध्यापक जहां बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम पायी गयी है, उनका वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बुधवार को भी जिले के विभिन्न प्रखंडों के वैसे 20 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक की जहां बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम पायी गयी है। बैठक में डीइओ ने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर सख्त हिदायत दी है।
इसके साथ ही अधिक दिनों तक बिना कारण बताये अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नामांकन रद्द करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही वैसे बच्चों का नाम मेधा पोर्टल से हटाने को कहा है। यदि ऐसा नहीं करते हैं, तो स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर स्कूल आने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया है।
जिन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया, उनमें उच्च माध्यमिक विद्यालय, नावा, बाढ़, उच्च माध्यमिक विद्यालय, डाभवन, पंडारक, माध्यमिक स्कूल, डाभवन, पंडारक, प्राथमिक स्कूल, सिंकदरपुर, पंडारक, प्राथमिक स्कूल, महावीर आस्थन, मोकामा, प्राथमिक स्कूल,मोहम्मदपुर, हरिजन टोला, फतुहा, उच्च माध्यमिक स्कूल, दौलतपुर, फतुहां, उच्च माध्यमिक विद्यालय, घोसवरी, उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोकामा, श्री धाराश्रम हाई स्कूल, विक्रम, नया प्राथमिक स्कूल, यादव चौक, फलवारीशरीफ, प्राथमिक कन्या राजा बिगाहा,धनरूआ, उच्च माध्यमिक स्कूल, हराउली, बेलछी, आधुनिक शिशु एमएस, खगौल, दानापुर, हाई स्कूल कायापुर, नौबतपुर, प्राथमिक स्कूल, भगवानपुर, फतुहा, जगतारिनी हाई स्कूल, रामपुर,दियारा, मनेर, उच्च माध्यमिक विद्यालय, उसमा अथमलगोला और बलदेव इंटर स्कूल, दानापुर शामिल हैं।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष के तहत स्पेशल का संचालन किया जायेगा। जिले के स्कूलों में एक दिसंबर से मिशन दक्ष के तहत कमजोर बच्चों की अलग से क्लास संचालित की जायेगी। इस योजना के तहत प्रत्येक कक्षा से पांच-पांच वैसे बच्चों को चिन्हित किया जाना है, जो पढ़ने में कमजोर हैं।
जिले के सभी स्कूलों को कमजोर बच्चों की सूची तैयार करने और एक दिसंबर से दक्ष क्लास संचालित करने को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन ने निर्देश दिया है। एक दिसंबर से इन बच्चों के लिए मिशन दक्ष योजना के तहत विशेष कक्षाएं आयोजित होंगी।
यह विशेष कक्षा स्कूल में छुट्टी होने के बाद प्रतिदिन 3.30 से 4.15 तक चलेगी। इसमें वैसे बच्चों को शामिल किया जाएगा, जो हिंदी का किताब ठीक से पढ़ नहीं पाते हैं और गणित का अंक पहचानने में परेशानी होती है। इन बच्चों को 15 मार्च 2024 तक पढ़ने में दक्ष बनाने का टार्गेट शिक्षकों को दिया गया है। मार्च के तीसरे सप्ताह में वार्षिक परीक्षा होनी है। इस परीक्षा में इन बच्चों को पास होना अनिवार्य है। यदि ये बच्चे कक्षा में असफल होते हैं तो संबंधित शिक्षक या प्रधानाध्यापक पर नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है।
खेल मामले में जिले के सरकारी स्कूलों में उदासीनता बरती जाने को लेकर विभाग ने खेल स्तर पर एसेसमेंट की रणनीति तैयार की है। अनुमंडल सहित जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर के साथ अब खेल के स्तर का भी एसेसमेंट होगा। विभाग ने नयी व्यवस्था की है। जिसमें स्कूलों का स्पोर्ट्स एसेसमेंट शुरू किया गया है।
बताया जाता है कि स्कूलों को अपने यहां की खेल सामग्री का पूरा ब्योरा देना होगा। यह रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। सभी लोग जान पाएंगे कि किस स्कूल के पास क्या सामग्री है। स्कूलों के एसेसमेंट को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि ऑनलाइन रिकॉर्ड भरें।