
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से दुखद खबर आ रही है, जहां बड़े सड़क हादसे में 36 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है। घटनास्थल पर राहत बचाव कार्य जारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डोडा जिले के अस्सर में एक बस अनियंत्रित होकर करीब 300 फीट गहरी खाई में जाकर गिर गई। हादसा इतना जोरदार हुआ है कि इसमें 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं कुछ लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि बस किश्तवाड़ से जम्मू की ओर जा रही थी।
अधिकारियों ने बताया कि बस की पंजीकरण संख्या जेके02सीएन-6555 है। बस में लगभग 40 यात्री थे। यह बस बटोटे-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर त्रुंगल-अस्सार के पास सड़क से फिसल गई और 300 फुट नीचे खाई में गिर गई। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है और कुछ शव बरामद किये गये हैं।
हादसे की खबर जैसे ही आसपास के लोगों को हुई वे घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को हादसे के बारे में सूचना दी। घायलों को इलाज के लिए जीएमसी डोडा ले जाया जा गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
पुलिस के हवाले से जो खबर आई है, उसके अनुसार शुरुआती जानकारी में पता चला है कि इस मार्ग पर तीन बसें एक साथ चल रही थीं और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में ये लगी हुईं थीं। इसी वक्त हादसा हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डॉ. जितेंद्र सिंह ने हादसे पर दुख जताया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दुर्घटनास्थल से डीसी डोडा, हरविंदर सिंह ने जो जानकारी दी है उसे शेयर करते हुए दुख हो रहा है। दुर्भाग्य से 36 लोगों की मौत हादसे में हुई है, जबकि 6 घायल गंभीर हैं। घायलों को जीएमसी डोडा ले जाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि डोडा में बस दुर्घटना में लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। दुर्घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डिविजनल कमिश्नर और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों के अलावा पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं।