CM नीतीश कुमार ने अपने ही सहयोगी लालू-राबड़ी पर साधा जमकर निशाना, जानें पूरा मामला

बिहार देश
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पटना। हैरान कर देने वाली खबर बिहार की राजधानी पटना से आई है, जहां CM नीतीश कुमार ने अपने ही सहयोगी लालू-राबड़ी पर जमकर निशाना साधा। बताते चलें कि, रविवार (26 नवंबर) को संविधान दिवस के मौके पर जेडीयू की ओर से पटना के वेटेनरी कॉलेज के मैदान में भीम संसद का आयोजन किया गया।

इस दौरान नीतीश कुमार ने बिहार में अपने ही सहयोगी राजद के दोनों मुख्यमंत्रियों लालू यादव और राबड़ी देवी के शासन काल पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए भीम संसद के कर्ता-धर्ता मंत्री अशोक चौधरी की जमकर तारीफ की।

भीम संसद में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी पर नीतीश कुमार काफी खुश दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “2005 में मेरी सरकार बनी। उसके पहले शाम में कोई घर से बाहर निकलता था क्या? हम जब आए, तो सब कुछ ठीक किया। अब देखिए कि देर शाम तक और रात में भी लोग बेफिक्र होकर घुमते हैं।

उन्हें कोई डर भय नहीं है। कितना अच्छा माहौल बन गया है। अब रात में महिलाएं और लड़कियां भी घर से बाहर निकलती हैं। इसी का नतीजा है कि आज के भीम संसद में कितनी बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी है।

भीम संसद में मौजूद लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी सरकार बनने से पहले किसी ने दलित-महादलित समाज पर ध्यान नहीं दिया।

उनकी उन्नति और विकास के लिए कुछ नहीं किया। जब हम आए, तो सब काम शुरू कर दिया। इन लोगों के आगे बढ़ने के लिए और बच्चों की पढ़ाई के लिए कितना काम किया। उसका फायदा मिल रहा है कि सब लोग आगे बढ़ रहे हैं।

सभी जानते हैं कि बिहार में 2005 से पहले लंबे समय तक लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार थी। उस समय बिहार की क्या स्थिति थी ये सब लोग जानते है। वहीं, उसके पहले कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही। हालांकि नीतीश कुमार ने किसी का नाम नहीं लिया।

जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए नीतीश ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के रूप में कितना अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन दो ढाई साल में उन्हें हटाने की साजिश की गयी।

भीम संसद में सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोगों ने सबके हित में काम किया है। बिहार में जाति आधारित गणना कराई। सभी जातियों की आबादी का पता चल गया।  जातियों की आबादी बढ़ी, तो उसी हिसाब से आरक्षण भी बढ़ा। अनुसूचित जाति का आरक्षण 16% की बजाय 20% किया गया। एसटी के लिए 1 परसेंट की बजाय 2 परसेंट किया। पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए 12% की बजाय 18% और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25% आरक्षण किया गया।