
रांची। मैथिली भाषा झारखंड नियोजन नीति में शामिल नहीं होगी। इसे शामिल करने की कोई प्रक्रिया भी नहीं चल रही है। यह जानकारी मिलने के बाद झारखंड प्रदेश अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के सदस्य आक्रोशित हैं। उन्होंने आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
मैथिली भाषा को नियोजन नीति में शामिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद झारखण्ड प्रदेश द्वारा राज्यपाल को 24 जिला से प्राप्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया गया था। राज्यपाल सचिवालय से मूल आवेदन मुख्य सचिव के सचिवालय भेजा गया था। उसे कार्मिक सचिव को भिजवाया गया।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा कि गत विधानसभा सत्र में विधायक सीपी सिंह के द्वारा उठाये गये प्रश्न के जबाब में कार्मिक ने कहा था कि इस संबंध में कोई प्रक्रिया विभाग में नहीं चल रही है। अब आने वाले सत्र में सदन के बाहर एवं भीतर परिषद द्वारा आवाज बुलंद की जायेगी।
झा ने कहा कि इस मुद्दे पर झारखंड के सभी मैथिली भाषी चट्टानी एकता का प्रदर्शन करेंगे। विधानसभा के बाहर एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। इसके अलावा भी कई आंदोनात्मक कार्यक्रम किए जाएंगे।
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