Jharkhand हाईकोर्ट में रांची हिंसा मामले में दायर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई, अदालत ने किया ये सवाल

झारखंड
Spread the love

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में रांची में 10 जून, 2022 को हुई हिंसा की एनआईए जांच को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार से पूछा कि वह कैसे इस केस को एनआईए को ट्रांसफर करने की मांग कर रहे हैं।

क्या इसका कोई साक्ष्य है कि यह घटना शेड्यूल ऑफेंस के तहत आ रही है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। उनकी ओर से सिर्फ यह कहा गया कि मामले की जांच नहीं हो रही है।

इससे पहले एनआईए और राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पूरे प्रकरण में यह मामला शेड्यूल ऑफेंस के दायरे में नहीं आता है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की।

इस केस के साथ संलग्न एक अन्य जनहित याचिका, जिसमें याचिकाकर्ता अधिवक्ता एके रशीदी ने मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की। साथ ही याचिकाकर्ता ने पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया।

कोर्ट ने राज्य सरकार, एनआईए एवं याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई 21 नवंबर निर्धारित की है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पक्ष रखा। एनआईए के अधिवक्ता एके दास की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि एनआईए सिर्फ शेड्यूल ऑफेंस होने पर ही अनुसंधान करती है, लेकिन इस घटना में अभी तक अनुसंधान में ऐसी बात नहीं आई है।

बता दें कि, रांची हिंसा मामले में दायर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है।

अदालत से मामले की एनआईए जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपितों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है।

याचिका में रांची की घटना को प्रायोजित बताते हुए एनआईए से जांच करके यह पता लगाने का आग्रह किया है कि किस संगठन ने फंडिंग कर घटना को अंजाम दिया।