ED के पांचवे समन पर भी नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत, इंतजार करते रह गए अफसर, जानें पूरा मामला

झारखंड
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रांची। ED के पांचवे समन पर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं पहुंचे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए जारी किया गया ईडी का पांचवा समन भी बेकार चला गया। पांचवा समन जारी करते हुए जमीन घोटाले मामले में मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए 4 अक्टूबर को एजेंसी के दफ्तर बुलाया गया था। सीएम अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को लेकर पलामू चले गए। मामले में ईडी आगे क्या करती है, इसका सभी को इंतजार है।

बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर जाने की बजाय अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए झारखंड के पलामू चले गए। ऐसा अनुमान पूर्व से ही लगाया गया था कि सीएम इस बार भी ईडी दफ्तर नहीं जाएंगे।

दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पांचवा समन जारी कर चार अक्टूबर को एजेंसी के रांची स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। इसके बावजूद ईडी ने सुरक्षा समेत तमाम तैयारी करके रखी थी।

रांची में हुए जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पांचवे समन पर पूछताछ की पूरी तैयारी ईडी ने की थी। मुख्यमंत्री को भेजे गए पांचवे समन में ईडी ने उन्हें बुधवार को दिन के 10.30 बजे उपस्थित होने को नोटिस दिया था।

सीएम के पलामू कार्यक्रम का शेड्यूल भी दो दिन पूर्व ही जारी हो चुका था। पूरे मामले में अब सीएम की तरफ से ईडी के अधिकारों को चुनौती देने वाली याचिका पर सबकी नजर है बनी हुई है।

बता दें कि, रांची के बड़गाई अंचल के बरियातू इलाके में एक ही बाउंड्री में 8.50 एकड़ जमीन को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ करना चाहती है।  इन जमीन से जुड़े कागजात गिरफ्तार राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल फोन से मिले थे।

मोबाइल फोन में मिले दस्तावेजों के आधार पर ही ईडी ने जमीन की जांच शुरू की थी। इस मामले में गिरफ्तार राजस्व उप निरीक्षक और बड़गाईं अंचल के तत्कालीन सीओ का बयान भी ईडी ने दर्ज किया था, जिसके बाद एजेंसी ने मुख्यमंत्री को समन किया था।

आपको यह भी बता दें कि, मुख्यमंत्री को ईडी ने पहला समन 14 अगस्त, दूसरा समन 24 अगस्त, तीसरा समन 9 सितंबर और चौथा समन 23 सितंबर की तारीख के लिए भेजा था।

चारों तारीखों पर जब हेमंत दफ्तर नहीं पहुंचे, तब उन्हें पांचवा समन जारी करते हुए 4 अक्टूबर को ईडी दफ्तर बुलाया गया। सीएम के द्वारा ईडी के समन को लेकर पहले सुप्रीम कोर्ट में और अब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।