ध्‍यान देने से नहीं पड़ेगी स्‍तन में गांठ, खुद से ऐसे करें जांच

सेहत झारखंड
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रांची। ध्‍यान देने से गांठ नहीं पड़ेगी। टाटा ट्रस्ट्स ने कैंसर देखभाल में नए अध्याय की तैयारी की। शुरुआती चरण में स्तन कैंसर का पता लगाने और खुद से जांच करने के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ‘गांठ पे ध्यान’ कार्यक्रम का शुभारंभ 13 अक्‍टूबर को किया।

भारत में स्तन कैंसर से प्रभावित महिलाओं का अनुपात असमान रूप से ज्यादा है। देश में स्तन कैंसर के 50 प्रतिशत से अधिक मामलों का पता इसके अंतिम चरण में चल पाता है। इस विषय पर जागरुकता की कमी की वजह से ही इसके डायग्नोसिस और इलाज में देरी होती है। जल्दी पता नहीं लग पाने पर यह जानलेवा हो सकता है। टाटा ट्रस्ट्स महिलाओं के साथ सीधे जुड़कर और उन्हें शुरुआती चरण में ही इसका पता लगाने के बारे में जानकारी देकर इस मुद्दे का पासा पलटने का इरादा रखता है।

रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (आरसीएचआरसी) में जमशेदपुर की प्रमुख शेफ एवं उद्यमी प्रिया गुप्ता के साथ मिलकर ‘गांठ पे ध्यान’ पहल कार्यक्रम लॉन्च किया। इस दौरान परस्पर बातचीत पर आधारित पाककला प्रदर्शन करते हुए कहा कि भोजन तैयार करते समय गांठें किसी भी व्यंजन के स्वाद और बनावट को बर्बाद कर सकती हैं। यही बात स्तन कैंसर की गांठों पर भी लागू होती है। प्रदर्शन की समाप्ति के बाद 400 से अधिक महिलाओं को आरसीएचआरसी सुविधा में ब्रेस्ट कैंसर की जांच का अवसर दिया गया।

कार्यक्रम के दौरान आरसीएचआरसी मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ रजनीगंधा टुडू ने कहा, ‘स्तन कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाने और इसके सही समय पर इलाज के लिए खुद से जांच करना सबसे जरूरी कदम है। ‘गाँठ पे ध्यान’ पहल में भी इसी बात पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है। भारत में फिलहाल कैंसर से मौत और जिंदगी का अनुपात 30:70 है। यह बड़ी गंभीर बात है। देर से पता चलना ही इसकी सबसे बड़ी वजह है। कैंसर के बारे में और इसकी जल्दी पहचान के फायदों के बारे में जागरूकता की कमी के कारण यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रभावित करता है।

शिल्‍पी घोष ने कहा कि स्‍तन में गांठ मिल जाने पर डरने वाली बात नहीं है। इसका इलाज उपलब्‍ध है। इसकी जांच सामान्‍य है। इससे बचाव के लिए लाइफ स्‍टाइल में बदलाव लाने की भी जरूरत है। टाटा ट्रस्‍ट की योजना सोशल मीडिया पर भी इसका प्रचार-प्रसार करना है।

टाटा ट्रस्ट्स हमेशा से ही कैंसर देखभाल संबंधी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। टाटा कैंसर केयर फाउंडेशन के माध्यम से अमल में लाए जा रहे ट्रस्ट्स के वितरित कैंसर देखभाल मॉडल का मुख्य उद्देश्य स्क्रीनिंग, समान रूप से उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती उपचार और रोग को दूर करने वाली देखभाल सुविधाओं को सभी के लिए सुलभ बनाना है।

टाटा ट्रस्ट्स की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर ‘कैसे का कैंसर’ अभियान चलाया जा रहा है, जो भारत में कैंसर के मामलों के भारी बोझ को कम करने की दिशा में इसके निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है। इस साल फरवरी में शुरू किये गए इस अभियान में सभी को पसंद आने वाली 3 शानदार फिल्में शामिल हैं, जिसे सोशल और डिजिटल मीडिया पर 20 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।

‘गांठ पे ध्यान’ पहल के अगले चरण लिए टाटा ट्रस्ट्स सेलिब्रिटी शेफ शिप्रा खन्ना और पारुल गुप्ता के साथ साझेदारी करेगा। इस अनोखी अवधारणा को आगे बढ़ते हुए उनके डिजिटल चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स के बीच खुद से स्तन की जाँच करने की अहमियत को समझाएगा।

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