जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर के विस्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आदि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसका उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने 7 अक्टूबर को किया। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) के तत्वावधान में यह 16 अक्टूबर, 2023 तक चलेगा। इसमें इंट्री फ्री है।
महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट मामले) चाणक्य चौधरी, विधायक सरयू राय, ट्राइफेड की एमडी श्रीमती गीतांजलि गुप्ता, जमशेदपुर के उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, जमशेदपुर एसपी रूरल ऋषभ गर्ग सहित अन्य मौजूद थे।
समारोह में श्रीमती मीरा मुंडा, बानी मूर्मू और अन्य लोगों ने इस सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम में अत्यधिक आनंद और महत्व को जोड़ा। इस आयोजन को एक यादगार और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव बनाने में अपना योगदान दिया।
इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है। यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है। जमशेदपुर में आयोजित यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित लगभग 336 जनजातीय कारीगरों और कलाकारों की मेजबानी कर रहा है।
देश के कोने कोने से आए आदिवासी भाई बहनों के संगीत, कला, चित्रकला और व्यंजनों के अलावा, आदि महोत्सव कारीगरों से मिलने, उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में जानने और जनजातीय संस्कृति व परंपराओं से रूबरू होने का यह अवसर है।
मंत्री ने कहा कि यह आदि महोत्सव ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अनुभूति को पूर्ण करता है। आगामी 16 तारीख तक इस आदि महोत्सव में हमारे झारखंड के लोग जनजातीय रंग में रंगने वाले हैं। सभी की जिज्ञासा एवं समर्थन से सभी कलाकारों को उत्साह मिलेगा। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आइये इन 10 दिनों को यादगार बना दें, आपके लिए भी और इनके लिए भी।
आदिवासी उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का वार्षिक उत्सव, आदि महोत्सव, देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 आदिवासी कारीगरों और कलाकारों की प्रतिभा को उजागर करेगा।
इस कार्यक्रम में झारखंड के 30 कारीगरों के स्टॉल, लगभग 11 वीडीवीके के स्टॉल और 5 व्यंजन स्टॉल शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में 15 व्यंजन स्टालों सहित अन्य राज्यों के 68 कारीगरों के स्टालों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें कपड़ा, पेंटिंग, आभूषण, धातु, बेंत और बांस और व्यंजन जैसी विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा। विभिन्न मंत्रालय और उनके विभाग भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
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