रांची। आदिवासी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बाढू, नवाटोली, जमुवारी के ग्रामीणों ने अशोक उरांव की अध्यक्षता में 30 सितंबर को कांके प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। मौके पर टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि बाढ़ू पंचायत के नवाटोली, जमुवारी मौजा की गैरमजरुआ जमीन पर बगैर ग्राम सभा को सूचित किए वन विभाग ने पौधारोपण किया है। यह पेसा कानून का सीधा उल्लंघन है। हर गांव में ग्राम सभा को सशक्त बनाने की दिशा में पहल करनी होगी। अन्यथा दलालों का बड़ा समूह इसमें लगा हुआ है।
प्रभाकर तिर्की ने कहा कि 23 वर्षों से इन क्षेत्रों के खतियानी रैयतों की मालगुजारी रसीद नहीं काटी जा रही है, जो दुर्भाग्य है। उन्होंने राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। धरना दे रहे ग्रामीणों ने अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर सीओ को ज्ञापन सौंपा है।
सौंपे ज्ञापन में कहा है कि बाढू पंचायत के नवाटाली व जमुवारी मौजा के खाता संख्या 153, प्लॉट संख्या 884, रकबा 52 एकड़ भूमि गैरमजरुवा मालिक जमीन है। इसमें बाढू़ गांव के पूर्वजों से आदिवासी मसना, उरांव मसना, मुंडा मसना, लोहरा मसना, महली मसना च कृषि योग्य भूमि के अलावा मवेशियों का चारागाह है।
इसी जमीन पर आदिवासियों का सिंगबोंगा जतरा का भी आयोजन वर्षों से होता है। इसपर वन विभाग द्वारा ग्राम सभा और ग्रामीणों से राय मशवरा लिए बगैर पौधारोपण कर दिया है।
रांची विश्वविद्यालय के नवीन परिसर निर्माण के लिए बाढ़ू, जमुवारी, नवाटोली, कोकदोरो, मदनपुर, सुतियाम्बे मौजा के रैयतों की जमीन अधिगृहित की गई थी। अधिग्रहण के विरोध में ग्रामीणों द्वारा लंबा आंदोलन किया गया था। इसके बाद सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।
मौके पर अशोक उरांव, पुनिता कुजूर, योगेंद्र उरांव, जगन्नाथ उरांव, शम्भु शंकरगुरु, चंदा देवी, मनीष उरांव, ग्राम प्रधान जगदीश उरांव, शिबू गंझू, फ़िरोज़ आलम, बिरसा उरांव, शीतल देवी, सुनील महली, राजू उरांव ने भी संबोधित किया। संचालन शिवशंकर उरांव ने किया।
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