सहकारी बैंक में चल रहे अनिश्चितकालीन महाधरना से कामकाज प्रभावित

झारखंड
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रांची। सहकारी बैंक में चल रहे अनिश्चितकालीन महाधरना से कामकाज प्रभावित हो रहा है। महाधरना का आज आठवां दिन है। कर्मचारियों का कहना है कि स्‍थानांतरण रद्द होने के बाद ही आंदोलन खत्‍म होगा।

झारखंड राज्‍य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ का कहना है कि ज्यादातर कर्मी इस स्थांतरण से हो रही परेशानियों के कारण छुट्टी पर जा रहे हैं। कर्मियों की मानसिक स्थिति खराब हो रही है। इससे वे अप्रिय कदम उठा सकते हैं।

संघ के पदधारियों का कहना है कि राज्य की इस महत्वपूर्ण संस्था को बचाने के लिए सरकार हस्तक्षेप नहीं कर रही है। तबादले के विरोध में बीते 8 दिनों से मुख्यालय में अनशन पर बैठे कर्मियों के कारण बैंक का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है। करोड़ों का लेनदेन प्रभावित है।

हड़ताल की वजह से मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ऑफिस न आकर घर से कामकाज कर रहे हैं। संघ ने स्थांतरण को अविलम्ब रद्द करने की मांग की है।

महाधरना में संघ के अध्यक्ष अनिल पी पन्ना, महासचिव चंदन कुमार प्रसाद, संतोष कुमार साहू, अटल कुमार, तिलक देव, संजय कुमार, अविनाश कुमार, निखिल बंका, हीरा लाल राउत, आशीष कुमार, राजीव कुमार, मुकेश साव, रजत सिंह एवं अन्य उपस्थित हैं।

ये हैं मांगें

स्थानांतरण नीति के बिना किसी प्रकार का तबादला नहीं किया जाए। स्थानांतरण नीति स्वीकृत करते हुए ही बैंक तबादला करे।

कर्मचारियों के शहरी और ग्रामीण पदस्थापना में उनके वेतन भत्ता में आसमानता है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों का तबादला होने पर वे प्रेरणाहीन हो जाते हैं। कार्य कुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को पे प्रोटेक्शन के तहत वेतन भत्ता को समान किया जाए। इसके पश्चात ही स्थांतरण किया जाए।

नियुक्ति के पश्चात कर्मचारियों को लंबे समय से प्रोन्नति नहीं मिली है। इससे कर्मचारियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। कर्मचारियों की प्रोन्नति के बाद ही नियमित (रोटेशनल) स्थांतरण किया जाए।