उत्तर प्रदेश। खबर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से है। वहां ज्ञानवापी सर्वे में एएसआई की टीम के तीसरे दिन के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने दावा किया है कि मंदिर के तहखाने में खंडित मूर्तियां मिली हैं। इसके साथ ही टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं। यह भी दावा किया है कि अभी और भी कई ऐसे अवशेष मिलने की संभावना है, जिससे वैज्ञानिक सर्वे में यह बात आ सकती है कि ज्ञानवापी का स्वरूप बदला गया है।
एएसआई सर्वे और उसकी रिपोर्ट अब कोर्ट में जमा कराई जाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की इस संबंध में एएसआई की अर्जी स्वीकार कर ली है। अदालत ने दो सितंबर तक सर्वे रिपोर्ट मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। एएसआई ने सर्वे और उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए कोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगा था।
तीसरे दिन शनिवार को सर्वे में मुस्लिम पक्ष के लोग और उनके अधिवक्ता भी शामिल हुए। ज्ञानवापी परिसर में सुबह आठ बजे एएसआई ने सुरक्षा के घेरे में सर्व शुरू किया। इस बीच एएसआई की टीम ने मंदिर परिसर के गुंबद, तहखाने व अन्य हिस्सों का सर्वेक्षण किया। इस दौरान यहां से कई साक्ष्य भी जुटाए। यहां से मिट्टी, ईंट व पत्थरों के सैंपल कलेक्ट किए गए।
सर्वे में कलेक्ट किए गए पत्थरों और ईंट से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि ज्ञानवापी का निर्माण कितने साल पहले कराया गया था। शाम पांच बजे सर्वे खत्म हुआ, तो हिंदू व मुस्लिम पक्ष के लोग परिसर से बाहर आए। हिंदू पक्ष की तरफ से वादिनी सीता साहू और अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सील वजूखाने को छोड़कर बाकी जगह सर्वे किया गया था।
ज्ञानवापी सर्वे में सर्वे टीम ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दावा है कि मंदिर परिसर स्थित तहखाने में खंडित मूर्तियां पाई गई हैं। मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं। दावा किया जा रहा है कि तहखाने में स्वास्तिक और कलश जैसी आकृतियां भी दिखी हैं। कहा जा रहा है कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर बनी आकृतियां यह स्पष्ट कर रही हैं कि ज्ञानवापी प्राचीन शिव मंदिर का हिस्सा है।