रांची। झारखंड राज्य तेजस्विनी कर्मचारी संघ के सदस्य 5 सूत्री मांगों को लेकर 7 अगस्त, 23 को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आक्रोश पूर्ण धरना-प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह करेंगे।
संघ के अध्यक्ष आशीष विजय एवं महामंत्री सौरभ कुमार दुबे ने कहा कि राज्य सरकार ने आज तक तेजस्विनी परियोजना की अवधि विस्तार करने का निर्णय नहीं लिया। संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मंत्री श्रीमती जोबा मांझी, सचिव कृपा नंद झा, निदेशक परियोजना से मिलकर दीर्घकालीन अवधि विस्तार और स्थाई समायोजन करने का अनुरोध कई बार किया है। हालांकि आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। संघ ने मजबूरी में कार्यकारणी की बैठक कर आंदोलन का निर्णय लिया।
महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि राज्य में कार्यरत सभी संविदा कर्मी, दैनिक भोगी कर्मी का स्थाई समायोजन करेंगे। हालांकि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। तेजस्विनी कर्मचारियों का आज तक अवधि विस्तार नहीं हुआ। इनकी परियोजना अगस्त तक का है। अवधि विस्तार नहीं होने से 10 हजार कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है। इसमें 8 हजार झारखंड के मूल निवासी महिलाएं परियोजना में कार्यरत हैं।
तेजस्विनी कर्मचारियों द्वारा झारखंड में कई कल्याणकारी कार्य किए जा रहे हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी/अनुसूचित जाति की गरीब लड़कियों को उनके आर्थिक सामाजिक विकास कैसे हो, उस दिशा में कार्य कर रहे हैं। स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर में दिया जा रहा है। परियोजना समाप्त हो ने उनका भविष्य अंधकारमय होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रदर्शन से पहले 11 बजे से जयपाल सिंह स्टेडियम से मुख्यमंत्री आवास तक जुलूस निकाला जाएगा। इस प्रदर्शन में राज्यभर से तेजस्विनी कर्मचारी भाग लेंगे। झारखंड में यह परियोजना 17 जिलों में प्रभावी है।