रांची। सेल-आरडीसीआईएस (रांची) और इसको इस्पात प्लांट (आईएसपी), बर्नपुर ने संयुक्त रूप से एक अनूठी वायरलेस प्रणाली का विकास की। इसका उद्घाटन ई.डी.(वर्क्स) आएएसपी मनीष राज गुप्ता और ईडी (आरडीसीआएएस) संदीप कुमार कर ने किया। मौके पर आरडीसीआईएस के मुख्य महाप्रबंधक संजय परिदा और एस गोस्वामी एवं बर्नपुर सहित आरडीसीआईएस के वरीय अधिकारियों भी मौजूद थे|
खदानों से लौह अयस्क / चूर्ण इत्यादि रेलवे वैगनों के माध्यम में टिपलर द्वारा भूमिगत बंकरों में गिराए जाते हैं। चलायेमान कन्वेयर बेल्टों द्वारा निर्दिष्ट स्थानों में संग्रहित (स्टैकिंग) किये जाते हैं| अक्सर कन्वेयर बेल्टों में विभिन्न किस्म के व्यवधान आते रहते हैं, जिसकी जानकारी अनुरक्षण विभाग को विलम्ब से मिलने के कारण संयंत्र में उत्पादन ह्रास एवं फलित वित्तीय हानि की संभावना रहती है| इस प्रणाली के लगने के बाद विद्युत समस्या निवारण, प्रोग्रामिंग और यहां तक कि रिमोट ऑपरेशन भी अब नियंत्रण कक्ष से संभव है।
बर्नपुर संयंत्र में चार पैडल फीडर हैं, जो ट्रैक हॉपर बंकर टेबल से सामग्री निकालने और नीचे परिवहन प्रणाली पर निर्वहन के लिए जिम्मेदार हैं। पैडल फीडर भूमिगत स्तर पर स्थित हैं। ऐसे में कई बार संचालन और रखरखाव विभिन्न कारणों से मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को हल करने के लिए सभी चार पैडल फीडरों और नियंत्रण कक्ष में एक वायरलेस नेटवर्क स्थापित किया गया है, जो 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वास्तविक समय संचालन की निगरानी के लिए प्रत्येक पैडल फीडर में एक सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया गया है। सभी नियंत्रण सिग्नल और वीडियो सिग्नल इस नेटवर्क पर प्रसारित होते हैं।
वायरलेस संचार के माध्यम से दूरस्थ निगरानी और नियंत्रण प्रणालियों के कार्यान्वयन से भौतिक पहुंच को न्यूनतम करने, वास्तविक समय में दोषों का पता लगाने और निदान जैसे कई लाभ मिलते हैं। दूरस्थ निगरानी और नियंत्रण को सक्षम करके, वायरलेस संचार प्रणालियां समग्र दक्षता और उत्पादकता में सुधार कर सकती हैं। रिमोट कंट्रोल सिस्टम पैडल फीडर के मानव रहित संचालन को भी सक्षम बनाता है जिससे कार्यस्थल पर सुरक्षा में सुधार होता है।
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