हिमाचल प्रदेश। सोमवार को हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर बारिश के रूप में बरपा। भारी बारिश और लैंडस्लाइड से प्रदेश को काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल में भारी बारिश से जुड़ी दो अलग-अलग घटनाओं में 24 घंटे के भीतर 16 लोगों की मौत हो गई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी पुष्टि की है। सोलन जिले में देर रात बादल फटने की घटना के बाद सात लोगों की मौत हो गई। वहीं, शिमला शहर के समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर में भूस्खलन में नौ अन्य की मौत हो गईं। पिछले दो दिनों में मौत का आंकड़ा 22 हो गया है।
मंडी जिले में चंडीगढ़ मनाली हाईवे का हाल बेहाल है। मंडी जिले में बादल फटने से कई लोग लापता हैं। घरों में मलबा घुस गया है। वहीं सड़क, पुल और गाड़ियां पानी के तेज बहाव में तिनके की तरह बह गए है। बीते 12 घंटे में सबसे अधिक बारिश कांगड़ा में 273 एमएम दर्ज की है। वहीं, हमीरपुर के सुजानपुर टीहरा में 254 एमएम, धर्मशाला में 250 एमएम और शाहपुर में 255 पानी बरसा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से घर के अंदर रहने और नालों या नदियों के पास जाने से बचने की अपील की है। उन्होंने लोगों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर जाने के लिए भी कहा, और पर्यटकों से इस संकट के दौरान राज्य का दौरा न करने का अनुरोध किया।
किन्नौर जिले में बारिश और खराब मौसम के कारण कल यानी 15 अगस्त से शुरू होने वाली किन्नौर-कैलाश यात्रा स्थगित कर दी गयी है। एसडीएम कल्पा मेजर शशांक गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अगर बारिश का दौर थमती है, तो 16 अगस्त को किन्नर कैलाश रूट का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद यात्रा बहाली पर विचार किया जाएगा।
शिमला और सोलन के बाद अब मंडी जिले में भी कुदरत का कहर देखने को मिला। आईआईटी कमांद के पास कटौला में घर गिरने से 7 लोगों की मौत हुई है। शिमला के फगली में भारी भूस्खलन से 3 कच्चे मकान ढह गए, इसमें कई लोग दब गए। अभी तक 2 शव बरामद, 4 लोग लापता, 6 लोगों को रेस्क्यू किया।