- हटिया में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन थे मौजूद
रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अंतर्गत 6 अगस्त को वीडियो कॉनफ्रेसिंग के माध्यम से देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया। झारखंड के हटिया रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के दूरस्थ इलाकों की समस्याओं से अवगत हैं। उसे दूर करने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।
राज्यपाल ने कहा कि रांची के हटिया और पिस्का रेलवे स्टेशन सहित राज्य एवं देश के विभिन्न स्टेशनों को विकसित करने की योजना इसका ज्वलंत प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने मां-बहनों की कठिनाइयों को समझते हुए कुकिंग गैस को घर-घर तक पहुंचाने की व्यवस्था को दुरूस्त किया। प्रधानमंत्री आवास योजना से गांव-गांव के लोग निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं। किसान सम्मान निधि से से किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा देश विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है। विश्वास है कि जल्द ही विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था होगी। इसका ज्वलंत उदाहरण है कि आज झारखंड के 20 रेलवे स्टेशनों सहित देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है। सिर्फ हटिया स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 355 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। वन्दे भारत ट्रेन की श्रृंखला में निरंतर वृद्धि हो रही है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हटिया रेलवे स्टेशन मॉडल का अवलोनन किया। यहां आयोजित चित्राकंन, कविता, निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया।
प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर बल दिया है। इस दृष्टिकोण के आधार पर देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।
प्रधानमंत्री ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। शहर के दोनों किनारों के उचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास की समग्र दृष्टि से प्रेरित है।
इनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।
यह पुनर्विकास बेहतर तरह से डिजाइन किए गए ट्रैफिक सर्कुलेशन, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए दिशा-निर्देश सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधुनिक यात्री सुविधाएं प्रदान करेगा। स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।