अब चार शादियां करने की प्रथा होगी खत्म, सरकार बनाने जा रही कानून, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर असम से आ रही है। वहां अब चार शादियां करने की प्रथा जल्द खत्म होने वाली है। सरकार इसको लेकर कानून बनाने जा रही है। आईए जानें पूरा मामला…

बता दें कि देश में बहुविवाह प्रथा को लेकर कई तरह के विचार हैं। कुछ लोग इसको सामाजिक परंपरा से जोड़ते हैं, तो कुछ लोग इसे धर्म के आधार पर बनी व्यवस्था बताते हैं। इस्लाम धर्म में खास तौर पर एक पुरुष को चार शादियां करने की अनुमति दी गई है। इसका कई बार विरोध भी हुआ। समाज के विभिन्न वर्गों में इसके समर्थन और विरोध में अक्सर आवाजें भी उठती रही हैं। इस बीच असम सरकार इस प्रथा को खत्म करने और इस पर रोक लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है।

इससे पहले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक पुरुष के कई-कई महिलाओं से शादी करने की जरूरत, मान्यता और कानून बनाने को लेकर विधानसभा की विधायी क्षमता का पता लगाने के लिए 12 मई को जस्टिस (रिटायर्ड) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की थी। इसमें महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वरिष्ठ अधिवक्ता नकीब-उर-जमां शामिल थे।

18 जुलाई को असम सरकार ने समिति का कार्यकाल 13 जुलाई से एक महीने बढ़ाकर 12 अगस्त कर दिया था। समिति को शुरू में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया था। इसे समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 25 और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की पड़ताल करने का काम सौंपा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट रविवार (6 अगस्त 2023) को सौंप दी। सरकार अब बहुविवाह को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है।

समिति के अनुसार इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि समिति के सभी सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने की विधायी क्षमता है। असम सरकार अनुच्छेद 254 के तहत इस पर कानून बना सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष में इस विषय पर एक विधेयक पेश किया जाएगा। हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा, “रिपोर्ट में सर्वसम्मति से कहा गया है कि राज्य सरकार बहुविवाह पर कानून बना सकती है। समिति का एकमात्र सुझाव यह है कि विधेयक पर अंतिम सहमति राज्यपाल के बजाय राष्ट्रपति को देनी होगी।”

यह पूछे जाने पर कि क्या असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून लाया जाएगा, तो मुख्यमंत्री ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ”यह विधेयक निश्चित रूप से इसी वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा।” सीएम ने समिति द्वारा उन्हें रिपोर्ट सौंपने और दस्तावेज की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “आज, असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के लिए राज्य विधानमंडल की विधायी क्षमता की जांच करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। असम अब जाति, पंथ या धर्म से परे महिला सशक्तिकरण के लिए एक सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के करीब है।”