- निजी मोबाइल से हाजिरी बनाने का होगा बहिष्कार
- ई-विद्यावाहिनी के नये वर्जन की खामियों करें दूर
रांची। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने बायोमैट्रिक हाजिरी बनाने को लेकर बड़ा एलान किया है। मोर्चा ने साफ कर दिया है कि विभाग के टैब देने के बाद ही शिक्षक बायोमैट्रिक हाजिरी बनाएंगे। निजी मोबाइल से हाजिरी बनाने का बहिष्कार किया जाएगा। मोर्चा ने ई-विद्यावाहिनी के नये वर्जन की खामियों को दूर करने की मांग भी की।
मोर्चा ने सचिव द्वारा 11 अगस्त, 2023 को निर्गत पत्र के आधार पर मीडिया में प्रमुखता से ई विद्यावाहिनी एप में छेड़छाड़ और हाजिरी बनाने में फर्जीवाड़ा संबंधी खबर पर चिंता जताई। मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद एवं प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार दास ने पूछा कि आखिर किस परिस्थिति में शिक्षकों को निजी मोबाईल से बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने के नाम पर नित नये-नये प्रयोग शिक्षा विभाग कर रहा है।
मोर्चा के पदधारियों ने कहा कि हाल में जारी नये ई विद्यावाहिनी एप 2. 2. 6 में मैनुअल उपस्थिति बनाने के विकल्प को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसमें लोकेशन, समय एवं तिथि को नहीं बदला जा सकता है। ऐसे स्थिति में विद्यालयों में बगैर टैब उपलब्ध कराये शिक्षकों पर दोषारोपण करना कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है।
ई विद्यावाहिनी के नये वर्जन 2. 2. 6 में भी अब भी कई ख़ामियां व्याप्त हैं। इस संदर्भ में विभाग को बार-बार संज्ञान में दिया गया है।
ये है परेशानी
- विद्यालय परिसर से हाजिरी बनाने पर भी 100 मीटर दूर से हाजिरी बनने का रिकॉर्ड दर्ज होता है।
- समय पर विद्यालय आने के बावजूद भी निजी मोबाईल से हाजिरी बनाने एवं सिंक्रोनाइज करने में घंटों बीत जाते हैं।
- कई शिक्षकों के निजी मोबाईल में उपलब्ध स्कैनर से हाजिरी नहीं बन पाती है।
- शिक्षकों के पास मोबाईल नहीं होने अथवा खराब हो जाने की स्थिति में उनके विद्यालय आकर भी अनुपस्थित बताया जाता है।
- स्कैनर के खराब होने पर भी बायो मैट्रिक उपस्थिति बनाने पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
मोर्चा ने कहा कि इस तरह की कई ऐसी कठिनाइयों का सामना शिक्षकों को करना पड़ता है। मानसिक परेशानी का शिकार आये दिन शिक्षकों को ही होना पड़ता है। मीडिया के माध्यम से शिक्षकों की छवि को जिस नजरिये से पेश किया जा रहा है, यह पूर्णतया सच्चाई से परे है।
पदधारियों ने कहा कि विगत दो माह पूर्व मोर्चा द्वारा विभाग को इस संबंध में लीगल नोटिस के माध्यम से वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया था। बावजूद इसके विभाग द्वारा अभी तक संज्ञान नहीं लिया जाना और शिक्षकों पर दोषारोपण करना विभाग के तानाशाही रवैया को दर्शाता है।
विभागीय सचिव के उपरोक्त पत्रांक के आलोक में मोर्चा ने नामित कुछ शिक्षकों से संपर्क स्थापित कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इसमें शिक्षकों पर लगाए गए आरोपों को पूर्णतया निराधार पाए गये।
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने झारखंड सरकार के आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली-2015 का अक्षरशः पालन करने की मांग की। राज्य के अन्य विभागों की तरह टैब या बायोमैट्रिक मशीन उपलब्ध कराने के पश्चात ही इसे लागू करने की मांग की।