- मक्का टीएसपी व एससीएसपी योजना अधीन बीज का किया गया वितरण
रांची। बीएयू के सहयोग से झारखंड के 279 किसान मकई के उन्नत किस्म की खेती करेंगे। किसानों को वर्तमान खरीफ मौसम में अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण (एफएलडी) के माध्यम से मकई की वैज्ञानिक खेती से अवगत कराया जाना है। इस उद्देश्य से मंगलवार को रांची जिले के चान्हो एवं मांडर प्रखंड के 224 जनजातीय एवं 54 अनुसूचित जाति के बीच उन्नत किस्म के मकई बीज बांटा गया।
बीएयू के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग द्वारा आयोजित समारोह में निदेशक अनुसंधान डॉ पीके सिंह ने किसानों को मकई के बीज बांटे। डॉ सिंह ने किसानों को बताया कि धान की अपेक्षा मक्का की खेती में पानी की खपत कम होती है। इसलिए वर्तमान विषम मौसम में मक्के की खेती बेहतर साबित होगी।
डॉ सिंह ने कहा कि राज्य की मिट्टी मक्के की खेती के लिए बेहतर है, यहां हल्की बारिश में वैज्ञानिक विधि से मक्के की बेहतर उपज ली जा सकती है। डीएचएम-117, डीएचएम-121, बिरसा मक्का-3, सुआन कम्पोजिट, शक्तिमान-5 आदि हाइब्रिड मक्के किस्म के बीज हैं। इसकी बुआई से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। राज्य में सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए मक्का वैकल्पिक खेती बेहतर साबित हो सकती है।
इस अवसर पर शस्य वैज्ञानिक (मक्का) डॉ सीएस सिंह ने किसानों को मक्का उत्पादन की उन्नत कृषि प्रणाली की जानकारी दी। अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण में किये जाने वाले कृषि कार्यो के प्रबंधन के विषय में बताया। बीज वितरण समारोह में डॉ कमलेश्वर कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ योगेन्द्र प्रसाद, राज किशोर प्रसाद भी मौजूद थे।
परियोजना अन्वेंषक डॉ मणिगोपा चक्रवर्ती ने बताया कि आईसीएआर-मक्का टीएसपी के तहत मकई के डीएचएम-117, डीएचएम-121, सुआन कम्पोजिट, बिरसा मक्का-3, शक्तिमान-5 आदि उन्नत किस्मों के 10 क्विंटल बीज का वितरण किया गया। इससे करीब 50 हेक्टेयर भूमि में 224 जनजातीय किसानों द्वारा एफएलडी लगाये जायेंगे।
मक्का एससीएसपी के अधीन डीएचएम-121 एवं शक्तिमान-5 किस्मों के 5 क्विंटल बीज का वितरण किया गया। इससे करीब 25 हेक्टेयर भूमि में 54 अनुसूचित जाति के किसानों द्वारा एफएलडी लगाये जायेंगे। किसानों को कीट एवं रोग से बचाव के लिए दवा भी दिये जायेंगे।