नई दिल्ली। बड़ी खबर ये आ रही है कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और कहा कि वह मामले में जांच को बाधित नहीं कर सकता।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभिषेक के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभिषेक बनर्जी चाहें, तो मामला निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि ‘हम दिए गए आदेश में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं, क्योंकि इससे जांच बाधित होगी। याचिकाकर्ता कानून के तहत उपलब्ध उपायों का लाभ उठा सकता है।’
बता दें कि 26 मई को, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय द्वारा बनर्जी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के उस हिस्से पर रोक नहीं लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां इन मामलों के संबंध में तृणमूल कांग्रेस महासचिव से पूछताछ कर सकती हैं।
अभिषेक बनर्जी से 20 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। बनर्जी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी नेताओं को परेशान किया जा रहा है, वहीं विभिन्न मामलों में शामिल भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बता दें, कि अभिषेक बनर्जी ने ईडी कार्यालय में पेश होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने इसको लेकर सफाई दी थी कि वह जन संजोग यात्रा में व्यस्त हैं और इस कारण वे कार्यालय नहीं पहुंच पाएंगे।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ईडी के सहायक निदेशक को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में, मैं कोलकाता में नहीं हूं और पश्चिम बंगाल के लोगों से जुड़ने के लिए एक राज्यव्यापी यात्रा के हिस्से के रूप में यात्रा कर रहा हूं।
आगे, चूंकि राज्य के लिए पंचायत चुनाव 8 जुलाई को होने की घोषणा की गई है, इसलिए मैं तैयारी में लगा हुआ हूं। मांगी गई अधिकांश जानकारी और दस्तावेज पहले से ही उपयुक्त सरकारी विभागों के पास उपलब्ध हैं।’