नई दिल्ली। बड़ी खबर अबू धाबी से आ रही है। पीएम मोदी की यूएई यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण एमओयू पर सिग्नेचर हुए। भारतीय शिक्षा को ग्लोबल बनाने की दिशा में अब विदेशों में इसके प्रमुख संस्थानों के कैंपस खोले जाएंगे। भारत अब आईआईटी दिल्ली का कैंपस अबू धाबी में स्थापित करेगा।
शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग ने (ADEK) ने शनिवार को इसके लिए एक एमओयू (MoU) पर सिग्नेचर किया। इस महत्वपूर्ण समझौता के गवाह बने पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्म्द।
आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस अगले साल जनवरी से मास्टर्स प्रोग्राम को शुरू कर देगा, तो ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स के लिए सितंबर 2024 से प्रवेश आवेदन शुरू हो जाएंगे।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली आईआईटी मद्रास के बाद ऑफशोर कैंपस स्थापित करने की घोषणा करने वाला दूसरा आईआईटी है। पिछले हफ्ते आईआईटी मद्रास ने तंजानिया के ज़ांज़ीबार में एक कैंपस स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। अब देश में दो दो आईआईटी, अपने कैंपस विदेश में खोलने जा रहे हैं।
आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी में कैंपस खोलने के लिए एमओयू साइन होने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर खुशी जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अबू धाबी में आईआईटीडेल्ही परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में एक नया अध्याय खोलता है।
प्रधान ने कहा कि नए भारत के इनोवेशन और स्पेशलाइजेशन का यह एक उदाहरण तो होगा ही संयुक्त अरब अमीरात में आईआईटी दिल्ली कैंपस की स्थापना, भारत और संयुक्त अरब अमीरात की दोस्ती की एक इमारत होगी।
यह पारस्परिक समृद्धि और वैश्विक भलाई दोनों के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के लिए एक नया टेम्पलेट स्थापित करेगा जैसा कि एनईपी में कल्पना की गई है।