- मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कमजोर लोगों के सामाजिक–आर्थिक सुधार पर दिया जोर
रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं। इनका एक सुविधाजनक ढांचे के तहत दोहन करने की जरूरत है। उन्होंने संबंधित हितधारकों से ग्रामीण आबादी, विशेषकर कमजोर लोगों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के प्रयासों में सामंजस्य बिठाने का आह्वान किया। वे 12 जुलाई को नाबार्ड के झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय के 42वां स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ऑड्रे हाउस में किया गया।
राज्यपाल ने उल्लेख किया कि नाबार्ड राज्य में विभिन्न कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। नाबार्ड 42 हजार एकड़ में 55 वाडी परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। 45 हजार आदिवासी परिवारों को लाभान्वित कर रहा है। इसके अलावा नाबार्ड ने राज्य में सभी 24 जिलों में 46 वाटरशेड परियोजना ओं के माध्यम से 48137 ग्रामीण परिवारों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर पैदा किए हैं। 20,551 करोड़ रुपये का रियायती वित्त 4559 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए RIDF के तहत राज्य सरकार को प्रदान किया है। विभिन्न ग्रामीण वित्तीय संस्थानों को 15,500 करोड़ रुपये का रियायती पुनर्वित्त भी प्रदान किया है।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल और विशिष्ट अतिथियों द्वारा ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत वित्तपोषित परियोजनाओं के संकलन पर एक कॉफी टेबल बुकलेट, आरआईडीएफ एवं झारखंड में नाबार्ड के विभिन्न परियोजनाओं पर वृत्तचित्र जारी किया गया। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसान उत्पादन संगठन, आजीविका उद्यम विकास कार्यक्रम, वाडी, जलछाजन परियोजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया गया।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके जहागीरदार ने संस्था के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इसकी उपलब्धियों और दृढ़ प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। उन्होंने कार्यक्रम के विषय ‘सहकार से समृद्धि’ पर विचार व्यक्त किया। नाबार्ड द्वारा सहकारी क्षेत्र में चल रही संस्थागत पहलों, जैसे पैक्स कंप्यूटरीकरण, पैक्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना, पैक्स की क्षमता निर्माण आदि पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईआईएम (रांची) के निदेशक डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव, आरबीआई-रांची के प्रभारी अधिकारी संजीव सिन्हा, एसएलबीसी-महाप्रबंधक मनोज कुमार शामिल हुए। इसके अलावा कार्यक्रम में वाणिज्यिक एवं निजी बैंकों के प्रमुख, सरकारी अधिकारी, एफपीओ, एसएचजी के किसान सहित अन्य ने भाग लिया।