उत्तराखंड। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं, अब श्रद्धालु मंदिर परिसर में न तो तस्वीरें ले सकेंगे न ही वीडियो बना सकेंगे।
ये फैसला श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने लिया है। दरअसल, हाल ही में एक महिला ब्लॉगर द्वारा मंदिर परिसर में विवादास्पद वीडियो बनाने और उसे वायरल करने का मामला सामने आया था। इसके बाद मंदिर समिति की ओर से यह कदम उठाया गया है।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर परिसर में जगह-जगह बोर्ड लगाए हैं, जिन पर लिखा है कि मोबाइल फोन के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश न करें, मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। और आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं।
इतना ही नहीं, मंदिर समिति ने केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं से “सभ्य कपड़े” पहनने और मंदिर परिसर में तंबू या शिविर लगाने से परहेज करने को भी कहा है। मंदिर परिसर में हिंदी और अंग्रेजी में लगे बोर्डों पर यह भी लिखा है कि आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि ये धार्मिक स्थान है, जहां लोग काफी आस्था से आते हैं भक्तों को उसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम से अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन वहां भी ऐसे बोर्ड लगाए जाएंगे।
हाल ही में मंदिर के गर्भ गृह में जाने से पहले ही यात्रियों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ कराने के आदेश जारी किए गए थे। साथ ही वहां कोई कैमरा ले जाने पर भी बैन लगा दिया था, लेकिन अब पूरे मंदिर परिसर में मोबाइल फोन की एंट्री बैन कर दी गई है।
दरअसल, हाल ही में एक वीडियो में कपल खड़े होकर भगवान शंकर के दर्शन कर रहा है। अचानक से लड़की अपने बॉयफ्रेंड को शादी के लिए प्रपोज करती है। वीडियो में लड़का-लड़की दोनों खुश हैं। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में इसको लेकर बहस छिड़ गई थी।
लोगों का कहना है कि केदारनाथ को आम टूरिस्ट स्पॉट की तरह ट्रीट किया जा रहा है। मंदिर समिति से ऐसे वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान परिसर में फोन बैन की मांग भी उठी थी।