रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शिक्षक नियुक्ति में सीटेट के अंक को मान्यता देने की मांग की है। इसका समर्थन पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने किया है। उधर, विद्यार्थियों ने इसपर असहमति जताया है। झारखंड के अभ्यर्थियों को होने वाले नुकसान के बारे में बताया है।
मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि अगर 2016 के बाद झारखंड में टेट की परीक्षा नहीं हुई है तो राज्य सरकार सीटेट के अंक को मान्यता दे दे। इसमें क्या परेशानी हो सकती है। झारखंड के बहुत सारे छात्र बीएड की डिग्री होने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिए गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि नियुक्ति नियमावली स्पष्ट नहीं होना के कारण ही मामला कोर्ट में जाता है। फिर हेमंत जी भाजपा को कोसते हैं। मुझे तो नौकरी देने की नियत ही नहीं लगती। सिर्फ वैकेंसी निकालकर वाहवाही लूटने की राजनीति के कारण झारखंडी युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
बाबूलाल ने कहा है कि भाजपा हर झारखंडी छात्र-छात्राओं से वादा करती है कि हमारी सरकार आई तो स्पष्ट नियुक्ति नियमावली बनाएंगे। सिर्फ वैकेंसी नहीं निकलेगी, बल्कि नौकरी भी दी जाएगी।
इसपर सरयू राय ने कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूं। यह होना चाहिए। टेट की परीक्षा समय पर कराने की ज़िम्मेदारी सरकार की है। सरकार टेट नहीं करा पा रही है तो विकल्प के रूप मे सीटेट अपनाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सीटेट को मान्यता दे दिया जाता है तो पूरे भारत में के सीटेट पास जनरल में फॉर्म भरेंगे। फिर आवश्यकता से अधिक बाहरी आयेगे। इसमें जेटेट पास ही भर रहे हैं। कुछ ही लोग बाहर से आ रहे है। सीटेट करने से सब का द्वार खुल जाएग। इस बारे में जरूर सोचें।