अजय सिंह
रांची। बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई,
इक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया।
जी! यह वाक्य सत्येंद्र सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठता है। बहुत ही दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि सत्येंद्र सिंह आज हमलोगों के बीच नहीं रहे। आज (सोमवार) सुबह फुरहुरा टोली स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
65 वर्षीय सत्येंद्र सिंह के निधन की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंची, मनरखन महतो बीएड कॉलेज के अपोजिट परशुराम भवन में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। झारखंड सरकार में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से रिटायर्ड सत्येंद्र सिंह इस क्षेत्र के जाने माने समाजसेवी थे। उनके निधन से नर-नारी सभी स्तब्ध हैं। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा कि वो अब उनके बीच नहीं रहे। उनके चाहने वाले कह यही कहते सुने गए…
अच्छे लोग दिलों में इस तरह
उतर जाते हैं,
कि मरने के बाद भी अमर हो जाते हैं।
समाजसेवी सत्येंद्र सिंह का अंतिम संस्कार बनारस में गंगा जी के तट पर होना है। वहां निकलने की तैयारी चल रही है। रांची से भी भारी संख्या लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। हरदिल अजीज सत्येंद्र सिंह अपने पीछे समाजसेविका धर्म परायण पत्नी विमला देवी, पुत्र विवेक रंजन, विशाल समेत पोते-पोतियों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
आपका अपना न्यूज पोर्टल दैनिक भारत 24. कॉम भी समाजसेवी सत्येंद्र सिंह के निधन पर शोक प्रकट करता है।
इस दुःख भरी घड़ी में ईश्वर
से प्रार्थना करता है कि,
दिवंगत आत्मा को शन्ति प्रदान करें…!