अब भारत में ही बनेंगे फाइटर जेट इंजन, अमेरिकी कंपनी से ऐतिहासिक समझौता

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिनी अमेरिका के दौरे पर हैं। आज यानी गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनरल इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद जेट इंजन को लेकर ऐतिहासिक समझौते की घोषणा हुई।

एयरोस्पेस ने जानकारी दी कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच सौदे की घोषणा की गई। इस समझौते के बाद जेई एयरोस्पेस और एचएएल एक साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के लिए जेट इंजन बनाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनरल इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर से मुलाकात के कुछ घंटों के बाद जनरल इलेक्ट्रिक ने घोषणा करते हुए कहा, “भारतीय वायु सेना को जेट इंजन प्रदान करने के लिए उनकी कंपनी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच समझौता हुआ है।”

इस समझौते के लेकर साझा किए गए समझौता विज्ञापन यानी (MoU) में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के बीच यह एक करार है, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। इस समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत होने वाला है। बता दें कि यह समझौता भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान एमके2 कार्यक्रम का हिस्सा है।

एमओयू में आगे जानकारी दी गई कि अब जेई के एफ 414 इंजन के निर्माण का लाइसेंस भारत को दिया गया। बता दें कि एफ 414 इंजन का इस्तेमाल करने का लाइसेंस अभी तक सिर्फ 8 देशों के पास है। अब भारत भी इस लिस्ट में जुड़ चुका है।

जीई प्रमुख एच. लॉरेंस कल्प जूनियर ने समझौते को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। उन्होंने आगे कहा कि हमें राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के समन्व से दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बेहतर बन चुके हैं। हमारे एफ 414 का कोई जोड़ नहीं है। इस समझौते से दोनों देशों की आर्थिक और सैन्य सुरक्षा में काफी बढ़ोतरी होने वाली है।