कुवैत में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर, परिजनों ने सरकार से मांगी मदद

झारखंड
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हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग के प्रवासी मजदूर कुवैत में बीते नौ महीने से फंसा है। मालिक ने उसे ना तो सैलरी दी और ही पासपोर्ट। मजदूर के परिजनों ने सरकार से मदद मांगी है। उसकी सकुशल वापसी की गुहार लगाई है।

जानकारी के मुताबिक हजारीबाग के बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के खरकी लम्बकीटांड निवासी स्वर्गीय कार्तिक हांसदा का पुत्र दशरथ हांसदा नौ महीने पूर्व रोजी रोटी की तलाश में एजेंट के माध्यम से कुवैत गया था। कुवैत ले जाने वाला रांची खलारी का एजेंट एक सप्ताह बाद दशरथ को अकेला छोड़कर वहां से भाग निकला।

मजबूर होकर चार महीने तक दशरथ ने वहां काम किया। सैलरी नहीं मिलने पर उन्होंने अपने मालिक से अपनी वेतन और पासपोर्ट की मांग की। मालिक ने उसे सैलेरी और पासपोर्ट नहीं दिया। मजदूर होकर दशरथ ने इंडियन एम्बेसी और लेबर कोर्ट का सहारा लिया। हालांकि समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला। उलटे मालिक ने उपर चोरी का केस कर दिया।

दशरथ ने स्वजनों को किसी दूसरे के मोबाइल से फोन कर अपनी पीड़ा बताई। कहा कि बचा लीजिए। दिन ब दिन रोजी-रोटी से लेकर खाने पीने की दिक्‍कत होती जा रही है। उसके परिवार वाले ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में तत्काल फंसे मजदूर दशरथ हांसदा की सकुशल वतन वापसी कराई जाय।