आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। सीआरपीएफ की 158 बटालियन ने मुख्यालय में गुरुवार को 20वां स्थापना दिवस मनाया गया। सुबह में कमांडेंट राहुल कुमार ने कोर्ट परिसर स्थित मुख्यालय में गार्ड की सलामी ली।
जवानों को सैनिक सम्मेलन के माध्यम से सीईओ ने संबोधित किया। बताया कि बटालियन 15 जून, 2004 को ग्रुप केन्द्र गुरुग्राम में अस्तित्व में आई। ग्रुप केन्द्र गुरुग्राम में बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बटालियन की तैनाती जम्मु-कश्मीर के गुंड जिले में हुई थी। वहां पर श्रीनगर-लेह राजमार्ग की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी, जिसे बटालियन द्वारा बखूबी निभाया गया।
इसके अतिरिक्त बटालियन ने वर्ष 2007 और 2011 में अमरनाथ यात्रा को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में अहम योगदान दिया। वर्ष 2013 में बटालियन डी-इंडक्ट होकर झारखंड के नक्सल प्रभावित लोहरदगा जिले में 4 कम्पनियां एवं गुमला जिले में 2 कम्पनियां नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैनात की गई। यहां पर अनेक ऑपरेशन्स द्वारा क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित की गई।
स्थापना दिवस पर बटालियन के कैंप परिसर में शाम में मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें बटालियन के कार्मिकों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया। इसमें खास व्यंजनों में रागी, ज्वार और बाजरा का उपयोग किया गया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कई राज्यों के लोकनृत्यों की प्रस्तुति की गयी। इसमें असम का बिहू, पंजाब का भांगड़ा, झारखंड का आदिवासी, महाराष्ट्र का नागपुरी, तमिलनाडु का करगम, देश भक्ति गीत एवं डांस प्रस्तुत किया गया। इसमें बटालियन के जवान एवं उनके बच्चों ने भी भाग लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सीआरपीएफ की मिनी इंडिया की छवि को भी दर्शाया।
कमांडेंट राहुल कुमार ने यह भी विश्वास जताया कि 158 बटालियन इसी प्रकार देश-सेवा तथा नागरिकों की सुरक्षा में तत्पर रहेगा।