जमशेदपुर। टाटा स्टील फाउंडेशन ने क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इंवेस्टमेंट बैंक (सीए-सीआईबी) के सहयोग से तीन मस्ती की पाठशाला केंद्रों पिपला, राजनगर और सरजमदा में सौर पैनल स्थापित किए। टीएसएफ और सीए-सीआईबी सहयोग से कई ई-स्कूटरों को मुहैया कराकर फील्ड समन्वयकों को गतिमान होने में सक्षम बनाया गया, जो गांवों में कई कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं।
सौर पैनल कई छात्रों को लाभान्वित करेंगे, जो विशेष रूप से गर्मियों के दौरान बिजली संकट का सामना करते हैं। ये पहल यह भी सुनिश्चित करेगा कि पढ़ने के घंटे प्रभावित न हों और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
ई-स्कूटर टीएसएफ में सिग्नेचर प्रोग्राम एजुकेशन के फील्ड को-ऑर्डिनेटर्स के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है, जिन्हें अक्सर उपलब्ध परिवहन की कमी के कारण देरी का सामना करना पड़ता था।
इस अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय ने कहा, ‘यह खुशी का एक बड़ा क्षण है, क्योंकि हमने न केवल आवागमन की समस्या का समाधान ढूंढ लिया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि यह पर्यावरण के अनुकूल हों। हालांकि, सुरक्षा नियम हम सभी के लिए सबसे पहले आते हैं और अगर कोई ई-स्कूटर चला रहा है तो भी इसका ध्यान रखना जरूरी है। इस सार्थक साझेदारी के साथ, हम यह सुनिश्चित करने की आशा करते हैं कि हमारे फील्ड स्टाफ के लिए कोई भी कार्य विलंबित या दुर्गम न हो, जो काम पूरा करने के लिए अपनी सामान्य दिनचर्या से ज्यादा प्रयास करते हैं।’
पिपला जमशेदपुर के उपनगरीय इलाके में स्थित एक आवासीय ब्रिज कोर्स सेंटर है, जिसमें 100 लड़कियां रहती हैं। पहले केंद्र में कुछ ही शौचालय थे, जिससे लड़कियों के लिए दैनिक स्वच्छता बनाए रखना मुश्किल हो जाता था।
कमिंस इंडिया फाउंडेशन मुख्य रूप से कौशल विकास और शिक्षा (बुनियादी ढांचा पोर्टफोलियो) के साथ टीएसएफ के लिए लंबे समय से साझेदार है। 1990 में एक स्वतंत्र कानूनी इकाई के रूप में स्थापित, कमिन्स इंडिया फाउंडेशन (सीआईएफ) कॉर्पोरेट उत्तरदायित्व के प्रति कमिन्स की प्रतिबद्धता को चैनलाइज करता है।
मस्ती की पाठशाला कार्यक्रम बच्चों की सीखने की क्षमता में जबरदस्त उन्नति का अनुभव कर रहा है। इस कार्यक्रम से जुड़े प्रत्येक बच्चे का शैक्षणिक प्रदर्शन हर गुजरते दिन बढ़ रहा है। बच्चे सीमित संसाधनों और सुविधाओं के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
एक कदम आगे बढ़ते हुए, कार्यक्रम के लिए कार्बन रेजिलियंट बनना महत्वपूर्ण है। इस दिशा में एक कदम के रूप में, दैनिक उपयोग के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल महत्वपूर्ण है। इसलिए, इसके लिए हम इंटरनेट खोज आधारित शिक्षा में ऊर्जा कुशल खोज की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
इसके अलावा पिपला में शौचालय ब्लॉक के जीर्णोद्धार का काम भी पूरा हो चुका है। ई-स्कूटर तथा सौर ऊर्जा के माध्यम से डिजिटल रूप से सक्षम और हरित मस्ती की पाठशाला ने हमारे संचालन में एक नया आयाम जोड़ा है। बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का अवसर दिया है। पाठशालाओं के बच्चों के साथ सीखने के माहौल में उल्लेखनीय बदलाव आया है।
मस्ती की पाठशाला में सौर पैनल: मस्ती की पाठशाला को हरा-भरा बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, हमने सभी 3 मस्ती की पाठशालाओं में सोलर पैनल स्थापित किया है; पिपला, राजनगर और सरजमदा। बाहरी इलाके में होने के कारण, एमकेपी को विशेष रूप से गर्मियों में बहुत अधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। एक आवासीय सुविधा होने के कारण, यह एमकेपी छात्रों के जीवन को कठिन बना देगा। इसने सीखने के घंटों को प्रभावित नहीं किया है बल्कि सुविधाओं के समग्र कामकाज को भी प्रभावित किया है।
सोलर फैसिलिटी ने न केवल आवश्यक बिजली की कमी को पूरा किया है, बल्कि इस समस्या के लिए एक स्वच्छ ऊर्जा समाधान भी प्रदान किया है। इसने उद्यम स्तर पर सस्टेनेबिलिटी के पहलू को भी बढ़ाया है।