कोयला मंत्रालय ने शैक्षणिक संस्थान और अनुसंधान संगठनों से मांगा प्रस्ताव, इन बिंदुओं पर करना है शोध

झारखंड
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रांची। अंडरग्राउंड माइन और ओपन कास्ट माइन से उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण में सुधार सहित कई बिंदुओं पर अनुसंधान और विकास के लिए शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संगठनों से नए शोध प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। इस क्रम में अपशिष्ट से धनप्राप्ति, कोयले और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का वैकल्पिक उपयोग, कोयला परिष्करण एवं उपयोगिता, गवेषण, इनोवेशन और मेक इन इंडिया अवधारणा के तहत स्वदेशीकरण के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी/पद्धति पर भी शोध करनी है।

इससे संबंधित दिशा-निर्देश, प्रारूप और ऑनलाइन जमा करने की सुविधा वेबसाइट https://scienceandtech.cmpdi.co.in पर उपलब्ध है। प्रस्ताव 15 जुलाई, 2023 तक जमा किए जा सकते हैं। इस बारे में किसी भी प्रकार की वांछित जानकारी  के लिए कोयला मंत्रालय के अवर सचिव (क्लीन कोल टेक्नोलॉजी के ईमेल: hitlar.singh85@nic.in या सीएमपीडीआई के महाप्रबंधक (एसएंडटी) के ईमेल : gmsnt.cmpdi@coalindia.in पर संपर्क कर किया जा सकता है।

ज्ञात हो कि कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड के अनुसंधान एवं विकास बोर्ड के एसएंडटी अनुदान के तहत वित्त पोषित अनुसंधान गतिविधियों के समन्वय के लिए सीएमपीडीआई नोडल एजेंसी है। विगत में किए गए शोध के परिणामस्वरूप परिचालन में सुधार, सुरक्षित कार्य स्थितियां, बेहतर संसाधन प्राप्ति और पर्यावरण की सुरक्षा हुई है।

कोयला मंत्रालय पहचान किए गए थ्रस्ट क्षेत्रों पर आवश्यकता-आधारित परियोजना प्रस्तावों को आमंत्रित करने की परिकल्पना करता है, जो सीधे उद्योग पर ठोस प्रभाव डाल सकते है। खनन संचालन को मजबूती प्रदान करते हुए सुरक्षा बढ़ाने में मददगार हो। ऐसी पहल वर्तमान परिचालित खानों और भविष्य की खनन परियोजनाओं के लिए आवश्यक हैं।