आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले की 40वीं वर्षगांठ ललित नारायण स्टेडियम में बुधवार को मनाई गई। इस मौके पर स्टेडियम में स्टार्टअप मेला-सह-सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वित्त, योजना एवं विकास, खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक मामले के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव थे। उन्होंने कहा कि लोहरदगा जिला में प्राकृतिक संपदा भरपूर है। यहां नदियां हैं, हरे भरे जंगल हैं। अब मौसम में काफी बदलाव आया है। पर्यावरण बिगड़ रहा है। नदी, जंगल, जमीन को बचाना हम सभी की जिम्मेवारी है, तभी पर्यावरण में सुधार आएगा।
लोहरदगा 1983 में बना जिला
वर्ष 1901 में लोहरदगा जिला को रांची सदर ले जाया गया। तब रांची जिला हो गया। वर्ष 1972 में सब-डिवीजन बनाया गया और 1983 में रांची और लोहरदगा जिला अलग-अलग हो गया। लोहरदगा जिला बनाने और लोहरदगा जिला में बड़ी रेल लाईन बिछाने में स्वर्गीय शिपप्रसाद साहू का महत्वपूर्ण पहल रही।
ऐतिहासिक महत्व है
लोहरदगा जिला का एक व्यवसायिक और ऐतिहासिक महत्व है। ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश इंडिया के समय यह प्रमुख केंद्र रहा। शेरघाटी, चतरा, लोहरदगा, जशपुर और रायपुर उस समय महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करते थे। यहां वर्ष 1983 के समय जनजातीय समूहों को महत्वपूर्ण निवास स्थल हुआ करता था। बाद में स्थितियों में सुधार आता गया। लोहरदगा जिला बनने के बाद यहां पांच प्रखंड बने। बाद में कैरो और पेशरार प्रखंड बना।
भटकाव से बचने की जरूरत
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र बहादुर पाल ने कहा कि आनेवाले 10 वर्षों में और बेहतर होगा। हम सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यक्तिगत व सामूहिक प्रयास करना होगा। यहां की खूबसूरती बनी रहे, इसके लिए हमें आगे आना होगा। यहां के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस भटकाव से बचने की जरूरत है। नैतिक व शारीरिक पतन से बचना होगा। जिला के विकास की गति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।
युवा पहचान दिला रहे
उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा कि लोहरदगा वीरों की भूमि रही है। शहीद पांडेय गणपत राय यहां जन्मे और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, शहीद हुए। बाबू वीर कुंवर सिंह की बहन लोहरदगा जिला में ब्याही गयीं। यहां के युवाओं के उर्जा है। प्रतिभा है। यहां के युवा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिला को पहचान दिला रहे हैं। प्रकृति की ओर से लोहरदगा जिला को असीम सुंदरता मिली है।
इन्हें किया गसा सम्मानित
अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करनेवाली महिलाओं को जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम में अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह व पौधा देकर सम्मानित किया गया। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में प्लस टू राजकीयकृत कस्तूरबा उच्च विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य रश्मि तिर्की, एकलव्य आवासीय मॉडल उच्च विद्यालय कुजरा की प्राचार्या अमृता मिश्रा, सहायक अध्यापिका रूबी एक्का उत्क्रमिक प्राथमिक विद्यालय कुटमू, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ दीप्ति माल्विका कुजूर, जीएनएम सबीता कुजूर, समाजसेवा के क्षेत्र में होप संस्था की मनोरमा एक्का, पत्रकारिता के क्षेत्र में नूतन कच्छप को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
मंच पर ये भी थे मौजूद
मुख्य मंच पर पद्मश्री मुकुंद लाल नायक, मधु मंसूरी हंसमुख, पुलिस अधीक्षक आर रामकुमार, जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, सांसद प्रतिनिधि अशोक यादव, सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल, बिशुनपुर विधायक प्रतिनिधि सुखदेव उरांव, विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, सुखैर भगत, युवा नेता रोहित उरांव समेत अन्य उपस्थित थे।
टीमों को किया गया पुरस्कृत
क्रिकेट, फुटबॉल, कुश्ती, बैडमिंटन और एथलेटिक्स के विजेता व उप विजेताओं (टीम व एक प्रतियोगिता) को मुख्य मंच से पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में पद्मश्री मुकुंद लाल नायक और मधु मंसूरी हंसमुख द्वारा प्रस्तुति दी गई। जिला प्रशासन की ओर से दोनों कलाकारों का सम्मान भी किया गया।
मेला में कुल 26 स्टॉल लगाये गये थे, जिनमें नगर परिषद के चार, जेएसएलपीएस के तीन, हिंडाल्को का एक और अन्य शिक्षा विभाग के थे।