संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने अफसरों को बताई eVV के नये वर्जन की खामियां

शिक्षा झारखंड
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  • नये वर्जन में पूर्व की तरह मैनुअली उपस्थिति बनाने की व्यवस्था करने की मांग

रांची। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने विभाग से विद्यालयों में उच्च गुणवत्तायुक्त टैब और स्कैनर उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। विभाग के उच्‍चाधिकारियों को eVV के नये वर्जन 2.2.5 की खामियों से अवगत कराया है। इसके नए वर्जन में पूर्व की तरह मैनुअली उपस्थिति बनाने की व्यवस्था उपलब्‍ध कराने की मांग की है।

इसे लेकर मोर्चा ने झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक श्रीमती किरण कुमारी पासी सहित शिक्षा सचिव, मध्‍यमिक और प्राथमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है। eVV के नये वर्जन में व्याप्त खामियों को बताते हुए इसे दूर करने की मांग की है।

मोर्चा के सदस्‍यों ने शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदधिकारी जयंत कुमार मिश्रा से मुलाकात की। ई विद्यावाहिनी के नए वर्जन से हो रही कठिनाइयों की विस्तृत जानकारी दी। मिश्र ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई कर ई विद्यावाहिनी के तकनीकी विशेषज्ञ को समुचित निदान करने के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल में विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद, आशुतोष कुमार, अरुण कुमार दास एवं मो फखरुद्दीन शामिल थे।

मोर्चा के मुताबिक झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक किरण कुमारी पासी ने 13 अप्रैल, 2023 को पिरामल फाउंडेशन द्वारा विकसित ई विद्यावाहिनी के 2.2.5 नए वर्जन एप से सभी सरकारी विद्यालयों का डाटा संधारण एवं संचालन के साथ शिक्षकों को बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने का आदेश निर्गत किया है।

ई विद्यावाहिनी 2.0 के पुराने वर्जन से अब तक विद्यालयों में डाटा संधारण के साथ शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होती आ रही थी। उक्त वर्जन में राज्य के विषम भौगोलिक क्षेत्रों, नेट कनेक्टिविटी एवं विद्युत आपूर्ति की अनियमितता के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में आपातस्थिति में तकनीकी गड़बड़ियों की आशंका को देखते हुए राज्य के आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति नियमावली-2015 के अनुकूल बायोमैट्रिक उपस्थिति के साथ मैनुअल उपस्थिति की व्यवस्था बहाल की गई थी।

उसे समाप्त करते हुए eVV 2.2.5 का नया वर्जन लॉन्च किया गया है। इसमें मैनुअली उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करते हुए ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही वेतन भुगतान की व्यवस्था बहाल की गई है, जो झारखंड आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली 2015 के विरुद्ध है। यह विभागीय स्वेच्छाचारिता के साथ राज्य की शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक संकट में झोंकने का द्योतक है l

इस संबंध में मोर्चा के द्वारा विभाग के तमाम आला अधिकारियों के समक्ष ज्ञापन सौंपा गया है।