शिक्षकों ने सोशल मीडिया से माध्‍यम से अफसरों को बताई पीड़ा, गृह जिला तबादले की मांग

झारखंड
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रांची। झारखंड के विभिन्‍न स्‍कूलों में पदस्‍थापित शिक्षक के गृह जिले में तबादले की मांग वर्षों से की जा रही है। इसे लेकर विभिन्‍न शिक्षक संगठन सरकार के समक्ष लगातार अपनी मांगें रख रहे हैं। एकीकृत गृह जिला स्थानांतरण शिक्षक संघ के पदधारी भी लगातार विभिन्‍न फोरम पर अपनी बात रख रहे हैं। हाल ही में शिक्षकों ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से अपनी पीड़ा अधिकारियों तक पहुंचाने की पहल की।

संघों का कहना है कि शिक्षकों के गृह जिला स्‍थानांतरण होने से शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हो जाएगी। वर्तमान में अधिकतर शिक्षक अपने गृह जिले से दूर अन्‍य जिलों में पदस्‍थापित हैं। घर से दूर होने के कारण उनका ध्‍यान परिवार व घर के अन्‍य सदस्‍यों पर भी लगा रहता है। गृह जिला में रहने पर उनकी यह परेशानी काफी हद तक दूर हो जाएगा।

एकीकृत गृह जिला स्थानांतरण शिक्षक संघ के मुख्य प्रदेश प्रतिनिधि प्रेम प्यारे लाल सिमडेगा जिले में पदस्‍थापित हैं। इनका गृह जिला रांची है। वह सरकार से बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का अंतर जिला स्थानांतरण शीघ्र किया जाय।

लाल कहते हैं कि उन्‍हें गृह जिला स्थानांतरण चाहिए, क्योंकि उनके पिताजी नहीं हैं। मेरी बूढ़ी मां है। पत्नी की तबीयत हमेशा खराब रहता है। इलाज चल रहा है। छोटे-छोटे बच्चे हैं। परिवार की देखभाल अच्छी तरह से नहीं कर पा रहे हैं। वह हमेशा मानसिक तनाव में रहकर ड्यूटी कर रहे हैं।

पूर्वी सिंहभूम में सहायक शिक्ष‍िक के पद पर फरीदा खातुन कार्यरत है। उनका गृह जिला साहिबगंज है। उनके मुताबिक उनके पिताजी 86 और मां 76 साल की है। उनके पति पति साहिबगंज में हाई स्कूल में कार्यरत हैं। अकेला रहने के कारण वह हमेशा परिवार को लेकर परेशान रहती है।

एंटोनी सोलेमान सरायकेला-खरसावां के कुकरू प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चौका में पदस्थापित हैं। उनकी मां बूढ़ी है। पत्नी शुगर, थाइराइड, बीपी से ग्रसित है। इलाज चल रही है। बेटी 4 साल की है। वह पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में तबादला चाहते हैं, ताकि बच्चों को अच्छी तरह से पठन पाठन कर सकें।

बोकारो जिले में पदस्‍थापित उमेश कुमार मेहता का गृह जिला हजारीबाग है। वह कहते हैं कि उनकी मां का सर्वेकल प्रोब्लम है। घर से दूर रहने के कारण वह मां के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं। वह चाहते हैं कि उनका तबादला हजारीबाग जिले में हो, ताकि मां की देखरेख करने के साथ शिक्षण कार्य  भाल कर सकू और अपना कार्य भी अच्छे से कर सकूं।

बालेश्वर यादव रामगढ़ में पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। उनके पिता एवं मां बूढ़े  हो गए हैं। पत्नी की तबीयत खराब रहती है। इससे वह हमेशा मानसिक तनाव में  रहते हैं। वह चाहते हैं कि उनका तबादला गृह जिला गिरिडीह के सरिया में कि‍या जाए, ताकि माता-पिता-पत्नी सहित बच्चों की देखभाल कर सकें।

खूंटी के रनिया के बरजो स्थित रा०प्रा०वि० में सहायक शिक्षक मुकुंद हजाम के पिता दिव्यांग हैं। साथ ही, शुगर एवं प्रेशर से पीड़ित हैं। मां भी हमेशा बीमार रहती हैं। पत्नी औरर एक बच्चा है। वह कहते हैं कि मानसिक परेशानियों का सामना हर रोज होता है। इसलिए वह गृह जिला रांची के बुंडू में तबादला चाहते हैं।

पूर्वी सिंहभूम में पदस्‍थापित निलिमा मंडल का गृह जिला साहेबगंज है। इनके पति की मृत्यु 2020 में ही हो गई है। इनका 6 साल का बच्चा है। सास घर में अकेली है। इसे लेकर वह हमेशा तनाव में रहती है। वह चाहती है कि उनका स्‍थानांतरण गृह जिले में किया जाय।

धनबाद में पदस्‍थापित मो मोजाहिद हुसैन का गृह जि‍ला देवघर है। वह बताते हैं कि उनके माता-पिता दोनों बीमारी से पीड़ित हैं। उनका वही अकेला सहारा हैं। वह चाहते हैं कि उनका तबादला उनके गृह प्रखंड में कर दिया जाए। इससे वह मां-पिता की देखभाल अच्छी तरह करने के साथ अध्‍यापन का कार्य बेहतर ढंग से कर सकेंगे।