नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सीबीआई के डायमंड जुबली सेलिब्रेशन का उद्घाटन किया। मौके पर उन्होंने कहा कि सीबीआई आज न्याय और इंसाफ का ब्रांड बन गया है। इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है। 2014 से पहले भ्रष्टाचारियों को कार्रवाई का खौफ नहीं रहता था।
पीएम मोदी ने कहा, “आज देश में करप्शन के खिलाफ कार्रवाई करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है। आपको कहीं पर भी हिचकने, रुकने की जरूरत नहीं है। मैं जानता हूं, जिनके खिलाफ एक्शन ले रहे हैं, वो बहुत ताकतवर लोग हैं। वर्षों तक वह सरकार और सिस्टम का हिस्सा रहे हैं।
संभव है कई जगह, किसी राज्य में आज भी सत्ता का हिस्सा हों। वर्षों तक उन्होंने एक इकोसिस्टम बनाया है। यह इकोसिस्टम अक्सर उनके काले कारनामों को कवर देने के लिए आप जैसी संस्थाओं की छवि बिगाड़ने के लिए एक्टिव हो जाता है। एजेंसी पर ही हमला बोल देते हैं। ये लोग आपका ध्यान भटकाते रहेंगे, लेकिन आपको अपने काम पर फोकस रखना है। कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए।
पीएम ने कहा कि न्याय और इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में सीबीआई हर जुबान पर है। उन्होंने कहा, “सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्य जन को एक विश्वास दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है, तो आवाज उठती है कि मामला सीबीआई को देना चाहिए।
देश की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने (CBI) पूरा किया है। ये 6 दशक निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां CBI के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट का संग्रह भी जारी किया गया है। ये CBI के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।”
पीएम ने कहा, “सीबीआई की सबसे बड़ी जिम्मेदारी देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार सामान्य अपराध नहीं है। यह गरीब से उसका हक छीनता है। यह कई अपराधों को जन्म देता है। यह लोकतंत्र के मार्ग में सबसे बड़ी रुकावट है। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार लोकतंत्र को फलने-फूलने नहीं देता। जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां युवाओं के सपने बली चढ़ जाते हैं। वहां सिर्फ एक विशेष इकोसिस्टम ही फलता-फूलता है।”
पीएम मोदी ने कहा, “भ्रष्टाचार प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इससे भाई-भतीजावाद और परिवारवाद पनपता है और अपना शिकंजा मजबूत करता है। जब भाई-भतीजावाद बढ़ता है, तो समाज और देश का सामर्थ्य कम होता है। इससे देश का विकास प्रभावित होता है। गुलामी के कालखंड से देश को भ्रष्टाचार की विरासत मिली। आजादी के बाद के अनेक दशकों तक इस विरासत को हटाने की जगह कुछ लोगों द्वारा सशक्त किया गया।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “10 साल पहले आप जब गोल्डन जुबली मना रहे थे, तब की सरकार के हर फैसले, हर प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में थे। करप्शन के हर केस के पिछले से बड़ा होने की होड़ लगी थी। आज देश में इकोनॉमी की साइज के लिए लाखों करोड़ की चर्चा होती है। उस वक्त घोटालों की साइज के लिए लाख करोड़ की टर्म प्रसिद्ध हुई थी।
उस वक्त आरोपी निश्चिंत रहते थे। उन्हें पता था कि सिस्टम उनके साथ है। इसका असर हुआ कि देश का व्यवस्था पर से भरोसा टूट गया। लोग फैसला लेने से बचने लगे। इससे पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति बन गई। इसने देश का विकास ठप कर दिया। निवेशक देश में आने से डरने लगे। करप्शन के उस कालखंड ने भारत का बहुत ज्यादा नुकसान किया है।”
उन्होंने कहा, “आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं। हमने 2014 से पहले फोन बैकिंग का दौर देखा था। दिल्ली के प्रभावशाली लोगों के फोन कॉल पर बैंक से हजारों करोड़ के लोन मिलते थे। इससे बैंकिंग सेक्टर बर्बाद हो गया था।
बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत कर बैंकों को मुश्किलों से बाहर लाए हैं। फोन बैंकिंग के उस दौर में कुछ लोगों ने देश के 22 हजार करोड़ रुपए लूट लिए और विदेश भाग गए। अब तक विदेश भागे आर्थिक अपराधियों की 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।”
इससे पहले पीएम ने विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सीबीआई के सर्वश्रेष्ठ जांच अधिकारियों के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों को प्रधानमंत्री ने पदक दिया। इसके साथ ही पीएम ने शिलांग, पुणे और नागपुर में बने सीबीआई के नए ऑफिस का उद्घाटन किया। पीएम ने सीबीआई के ट्विटर हैंडल को लॉन्च किया।
उन्होंने सीबीआई के डायमंड जुबली सेलिब्रेशन के अवसर पर तैयार किए गए डाक टिकट और सिक्का जारी किया। सीबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1963 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एक संकल्प द्वारा की गई थी।