महज 800 रुपए की डिवाइस करेगी कमाल, ऐसे बचाएगी एक्सीडेंट से आपकी जान

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इंदौर। जान बचाने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं। सड़क दुघर्टना हो जाने पर स्थिति और भी बदतर हो जाती है। पैसा पानी की तरह ख़र्च होता है। परिवार को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अब एक ऐसी डिवाइस आ गयी है, जो इन सब परेशानियों से आपको छुटकारा दिलाएगी। इसकी कीमत महज 800 रुपए है। इंदौर के इंजीनियरिंग के छात्रों ने गजब कर दिया है। आए दिन हो रहे रोड एक्सीडेंट को लेकर उनका एक इनोवेशन चर्चा में है।

उन्होंने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो रोड एक्सीडेंट को कम करने में मददगार हो सकती है। अगर ड्राइव करते वक्त ड्राइवर को नींद आती है, तो ये डिवाइस गाड़ी के पहियों को रोक देगी और आगे नहीं बढ़ने देगी। इस डिवाइस का नाम एंटी स्लिप अलार्म है।

इसे पहनने के बाद नींद आने के 5 सेकेंड के अंदर ही गाड़ी अपने आप ही रूक जाएगी। इस डिवाइस को बनाया है SGSITS कॉलेज के बीटेक सेकंड ईयर के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के 5 छात्रों ने। इसे एंटी स्लिप अलार्म फॉर ड्राइवर्स माइनर प्रोजेक्ट नाम उन्होंने दिया है।

इस डिवाइस में सेंसर लगा हुआ एक चश्मा है, जिसे ड्राइव करते वक्त पहनना होता है। गाड़ी चलाते वक्त एंटी स्लीप में जैसे ही ड्राइवर की आंख लगती है या पलक झपकती है, तो एंटी स्लीप ईयर सेंसर चश्में आंखों को सेंस करके रिले मॉड्यूल एक्टिवेट कर देते हैं। इससे अलार्म बचने लगता है और महज 5 सेकेंड में ही आपकी गाड़ी के पहिए खुद ब खुद रूक जाते हैं।

इस प्रोजेक्ट टीम के एक सदस्य अभिज्ञान पुरोहित ने इसके बारें में बताते हुए कहा कि इस डिवाइस को उन्होंने 20 से 25 दिन में बनाया है। यह अभी छोटे लेवल पर है, लेकिन आगे चलकर इसमें लगे एंटी स्लिप ग्लास को वायरलेस भी करेंगे।

उन्होंने बताया कि इसे बनाने में बेसिक कंपोनेंट यूज किए गए हैं। ईयर सेंसर में रिले माडयूल स्विच का इस्तेमाल किया गया है, जो इलेक्ट्रिक से चलता है. टाइमर आईसी, रेगुलर पावर सप्लाई का यूज भी हुआ है।

इस डिवाइस को बनाने में सिर्फ 800 रुपए का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि अभी और भी रिसर्च चल रही है। फाइनल तौर पर काम पूरा होने के बाद कंपनी से बातचीत की जाएगी। उन्होने बताया कि उनकी कोशिश है इस डिवाइस को छोटे से छोटे रूप में बदलना और वायरलेस बनाना।

अभिज्ञान पुरोहित ने बताया कि वे होशंगाबाद के शोभपुर के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले ही उनके यहां सुबह ही एक ड्राइवर को झपकी आ गई थी, जिससे एक्सीडेंट हो गया था। तभी उनके मन में इसका ख्याल आया। उन्होंने अपने फ्रेंड्स से बात की और आज प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो गया है।