कोलकाता। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को साथ लाने की कवायद जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दिशा में पहल कर रहे हैं। नीतीश कुमार कोलकाता पहुंचे हैं। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता पर बात होगी।
बता दें कि पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
यह विचारधारा की लड़ाई है। हमलोग एकसाथ खड़े होकर भारत के लिए लड़ रहे हैं। जितनी भी पार्टियां हमारे साथ चलेंगी, उन सबको हम एकसाथ लेकर देश में विचारधारा की जो लड़ाई चल रही है, उसे लड़ेंगे। संस्थाओं पर आक्रमण हो रहा है, देश पर आक्रमण हो रहा है। उसके खिलाफ हमसब एक साथ मिलकर खड़े होंगे।
आपको बता दें कि ममता बनर्जी भी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वह कांग्रेस से दूरी बनाकर रख रहीं हैं। पिछले महीने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव कोलकाता आए थे और ममता बनर्जी से उनके आवास पर मिले थे। नीतीश कुमार ममता बनर्जी से मिलने के बाद लखनऊ जाएंगे और अखिलेश यादव के साथ बातचीत करेंगे।
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को कांग्रेस के साथ लाना कितना मुश्किल होगा? इस संबंध में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, “इस तरह के सवाल अभी क्यों पूछ रहे हैं? जब हम सब कुछ कर लेंगे तब हम बात करेंगे।”
अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें ऐसे मोर्चे में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल हो। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव समेत समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के साथ बैठकें की हैं। 2017 में अखिलेश कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।