प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया (बोकारो)। बिजली आपूर्ति के काम में आउटसोर्स प्रणाली में व्याप्त गड़बड़ी की गाज गोमिया की बांध पंचायत के ‘टॉड पार टोला’ के ग्रामीणों पर गिरा है। इस टोला के 24 घरों का वर्ष 2018 में बिजलीकरण हुआ। कनेक्शन के लिए आवश्यक शुल्क जमा लिए गए। दो-तीन दिनों में विद्युत आपूर्ति शुरू हो गई।
पिछले 5 साल से टोला में बिजली आपूर्ति हो रही है। गांव वाले बिजली बिल जमा करने कथारा स्थित बिजली कार्यालय गये। वहां बिजली विभाग के अभिलेख में इस टोला के उपभोक्ताओं का नाम नहीं है। इसके कारण इनका बिजली बिल जमा नहीं हो पाया।
उल्लेखनीय है कि विगत 5 वर्षों से उक्त मोहल्ला में विद्युत आपूर्ति की जाती रही है। हालांकि स्थानीय और क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने बिजली बिल की उगाही पर कभी भी ध्यान नहीं दिया।
बीते 15 मार्च ’23 को स्थानीय कनीय अभियंता दल-बल के साथ उक्त टोला आए। ट्रांसफॉर्मर का स्विच निकाल लिया। फिर 24 में से 13 ग्रामीणों पर थाना में मुकदमा दायर कर दिया।
ट्रांसफार्मर से बिजली काट देने के कारण पूरा टोला में अंधेरा छा गया है। आठवां क्लास तक की सरकारी स्मार्ट विद्यालय का पठन-पाठन कार्य भी बंद हो गया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने बिजली वितरण निगम की इस कार्रवाई की निंदा की। वहां के निवासियों को कानूनी उपभोक्ता बनाने और किस्तों में बकाया राजस्व लेने का मांग की।
महमूद ने कहा है कि जेवीवीएनएल के पदाधिकारी अपनी गड़बड़ी छुपाने के लिए गरीब-अशिक्षित घरेलू उपभोक्ताओं को कानूनी कार्रवाई का शिकार बना देते हैं।