महाराष्ट्र। बड़ी खबर महाराष्ट्र से आ रही है। यहां की राजनीति में बड़े उलटफेर के कयास लगाये जा रहे हैं। गुरुवार को प्रदेश के दो धुर विरोधी नेता एक साथ हंसी-खुशी से मिलते और बातचीत करते दिखे। इसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो उठा है।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में जाते समय डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने-सामने आ गए। इसके बाद दोनों ना सिर्फ हंसते-मुस्कुराते दिखे, बल्कि देर तक बातचीत करते रहे। उनके साथ आदित्य ठाकरे भी थे। ये दोनों ही नेता अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के पीछे एक-दूसरे को मुख्य वजह मानते हैं। फिर भी दोनों की इस तरह से प्यार भरी मुलाकात हैरान करनेवाली थी।
बता दें कि बीते साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत कर दी थी और फिर भाजपा के साथ सरकार बन गई। देवेन्द्र फडणवीस को इस टूट-फूट का मास्टर माइंड माना जाता है। वहीं उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस का दामन थाम कर देवेन्द्र फडणवीस की मुख्यमंत्री की कुर्सी हथिया ली थी।
ऐसे में दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी छीनने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार मानते हैं। कभी दोस्त रहे दोनों नेता पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे की आलोचना के कारण चर्चा में रहे हैं। इसके बावजूद गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में साथ-साथ हंसते-मुस्कुराते नजर आए और काफी देर तक गपशप करते रहे।
उद्धव ठाकरे और देवन्द्र फडणवीस की इस मुलाकात ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। वैसे भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना में गिने-चुने लोग ही बचे हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि बीजेपी और पुरानी शिवसेना में फिर कोई गठबंधन बन सकता है। इनकी मुलाकात से बिल्कुल भी ऐसा नहीं लग रहा था कि इनके संबंध खराब हैं।
यही नहीं, सदन में भी चर्चा के दौरान भाजपा नेता और मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उद्धव ठाकरे से इशारों में ही साथ आने को कहा। सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अभी कुछ नहीं बिगड़ा है, उद्धवजी एक बार फिर शांति से विचार करें। इस बयान को लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने संकेतों में उद्धव ठाकरे को साथ आने का न्योता दिया है।
वैसे, उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि फडणवीस से मुलाकात महज एक संयोग था और इसे राजनीतिक शिष्टाचार से ज्यादा कुछ ना समझा जाए।