रांची। झारखंड के सरकारी उच्च प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रश्न और शिकायत पेटी लगाई जानी है। इसके लिए शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने निर्देश जारी किए हैं। इसमें पेटी लगाए जाने के मापदंडों का भी जिक्र किया गया है। सचिव ने इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक को दी है।
सचिव ने जारी आदेश में लिखा है कि आयुष्मान भारत पहल के तहत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) और झारखंड स्वास्थ्य मिशन (राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम कोषांग), झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान एवं सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3) के तकनीकी सहयोग से विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम राज्य के 24 जिलों में मौजूद सभी उच्च प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (वर्ग 6 से 12 तक) में संचालित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के तहत (पूर्व में प्रशिक्षित हर विद्यालय से दो-दो विद्यालय स्वास्थ्य आरोग्य दूत (SHWA) साप्ताहिक घंटी आधारित सत्रों का आयोजन अपने-अपने विद्यालयों में कर रहे है। इससे किशोर-किशोरियों को उनकी आयु अनुकूल 16 थीम / विषय पर मूल्यपरक एवं उपयोगी जानकारी प्रदान की जा रही है, ताकि किशोर-किशोरी इतने सशक्त एवं संवेदनशील बन जाए कि उनमें वांछित जीवन कौशल के साथ-साथ विषयगत जानकारी हो। अपने जीवन में स्वयं से सकारात्मक निर्णय ले सके। जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकें।
इस परिकल्पना को साकार करने में विद्यालय का वातावरण, शिक्षकों का छात्रों के प्रति मित्रवत संबंध / व्यवहार एवं अनुशासन महत्वपूर्ण घटकों में से है। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र/छात्राएं दैनिक स्तर पर नई-नई समस्याओं का सामना करते रहते हैं, जो उनके व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा एवं शिक्षण मे आ रही समस्या, उनके साथ होने वाले विभिन्न प्रकार के शोषण, दुराचार व दुर्व्यवहार एवं स्वास्थ्य के जरूरतों से संबधित हो सकता है। हालांकि कम आत्मविश्वास, परामर्शदाता एवं उचित सहयोगकर्ता के अभाव में अपनी समस्याओं को व्यक्त करने में संकोच, डर एवं गोपनीयता भंग होने के प्रति आशंकित होते है।
ऐसा देखा गया है कि समय रहते ऐसे छात्रों को सहयोग एवं मार्गदर्शन नहीं दिया जाए तो उनमें धीरे-धीरे अवसाद, एकांतवास, विद्यालय परित्याग, चिड़चिड़ापन आदि नकारात्मक मनोवृतियों का विकास होना शुरू हो जाता है। अतः छात्रों की इस तरह की समस्या को संबोधित करने के लिए विद्यालयों में प्रश्न पेटी/शिकायत पेटी स्थापित करने की योजना बनायी गयी है, ताकि छात्र बेझिझक अपनी समस्या लिखकर उस प्रश्न पेटी में डाल सके। शिक्षकों के सहयोग से उचित सलाह एवं परामर्श प्राप्त कर सके।
सचिव ने कहा है कि प्राथमिकता के आधार पर मापदंडों के आलोक में अधीनस्थ सभी उच्च प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (वर्ग 6 से 12 तक) में इसकी स्थापना कराने के लिए संबंधित पदाधिकारी / प्रधान शिक्षकों को निर्देशित करना सुनिश्चित करेंगे। जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों के द्वारा विद्यालय भ्रमण के क्रम में इसकी स्थापना, छात्रों के बीच इसके बारे में जानकारी एवं पंजी का भी अनुश्रवण करेंगे।
प्रश्न पेटी/शिकायत पेटी स्थापित करने के मापदंड
हर विद्यालय में निश्चित तौर पर प्रश्न पेटी / शिकायत पेटी को स्थापित करने की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यपक /प्रभारी प्रधानाध्यपक की होगी, जो कार्डबोर्ड या कार्टून का आयताकार आकृति का हो सकता है। इस पर स्पष्ट तौर पर प्रश्न पेटी या शिकायत पेटी लिखी होनी चाहिए।
प्रश्न पेटी / शिकायत पेटी विद्यालय में ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए, जहां आसानी से सभी छात्रों की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
व्यापक प्रचार-प्रसार एवं उपयोग के तरीके के लिण् प्रारंभ में हर सप्ताह सोमवार के दिन प्रार्थना सभा में विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण संदेशवाहक के द्वारा सामूहिक तौर पर इसके बारे में सभी छात्रों को जानकारी दी जानी चाहिए।
विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण संदेशवाहक (HWM) अपने पीयरर्स के बीच एक कड़ी का काम करेंगे। उन्हें हमेशा प्रश्न पेटी / शिकायत पेटी के अधिक से अधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यालय स्वास्थ्य आरोग्य दूत (SHWA) के द्वारा हर साप्ताहिक सत्र आयोजन के दौरान प्रश्न पेटी / शिकायत पेटी के उपयोग के तरीकों के बारे में छात्रों को बताया जाना है।
छात्रों को बताया जाना है कि अगर उन्हें व्यक्तिगत जीवन शिक्षा एवं शिक्षण में आ रही समस्या, उनके साथ होने वाले विभिन्न प्रकार के शोषण, दुराचार व दुर्व्यवहार एवं स्वास्थ्य के जरूरतों से संबंधित कोई भी समस्या है तो एक पर्ची में बिना नाम लिखें वो अपनी सिर्फ समस्या लिखकर प्रश्न पेटी शिकायत पेटी में डाल सकते हैं।
प्रधानाध्यपक/प्रभारी प्रधानाध्यपक एवं विद्यालय स्वास्थ्य आरोग्य दूत (SHWA) का यह दायित्व होगा कि हर शनिवार के दिन प्रश्नपेटी को खोलकर डाले गये प्रश्नों को समस्याओं के अनुरूप वर्गीकृत करेंगे। विद्यालय स्वास्थ्य कल्याण दिवस यानि मंगलवार के दिन दोनों मिलकर अपनी योग्यता, जानकारी एवं क्षमताओं के अनुरूप उस पर छात्रों के साथ चर्चा करेंगे।
संवेदनशील एवं गंभीर समस्याएं जो कि छात्रों के स्वास्थ्य या उनके साथ हुए दुराचार या शोषण जैसे बाल यौन शोषण, कम उम्र में विवाह, तस्करी, विद्यालय आने या जाने के क्रम में छेड़-छाड, एनीमिया, माहवारी प्रबंधन, घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताडना, किसी भी तरह का भेदभाव, साइबर क्राइम आदि से संबंधित अगर संज्ञान में आये तो पहले पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
इसके बाद उनके अभिभावकों को सूचित किया जाना चाहिए। शीघ्र नजदीकी अस्पताल में मौजूद स्वास्थ विभाग के कर्मियों यथा डॉक्टर, एएनएम, परामर्शदाता, चाइल्ड हेल्पलाइन, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, नजदीकी पुलिस सहायता केन्द्र, आगंनबाड़ी सेविका ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति, टॉल फ्री नम्बरों यथा 108 1096 100 एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए।
विद्यालय स्तर पर एक पंजी संधारित होगा, जिसमें प्रश्न पेटी / शिकायत पेटी में छात्रों द्वारा डाले गये प्रश्नों को संधारित किया जाय। संवेदनशील व गंभीर समस्याओं से ग्रसित छात्रों को अगर कोई Referral की सेवा दी गयी है तो उसमें रिकार्ड किया जायेगा।