BHU: उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में होली न मनाने के आदेश पर बवाल हो गया है। छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस आदेश का कड़ा विरोध किया और जमकर होली खेली।
विश्व हिंदू परिषद ने यूनिवर्सिटी (BHU) के इस आदेश को तुगलकी फरमान करार देते हुए इसे हिंदू विरोधी बताया है। VHP ने कहा कि इफ्तार का आयोजन करने वाले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में होली नहीं मनाने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है।
BHU प्रशासन ने बाकायदा एक आदेश जारी कर यूनिवर्सिटी कैंपस में सार्वजनिक तौर पर होली मनाने, हुड़दंग करने और म्यूजिक बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में कहा गया है कि जो भी छात्र इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
प्रॉक्टर का ये आदेश सामने आते ही छात्र भड़क गए और आदेश का उल्लंघन करते हुए छात्र-छात्राओं ने कैंपस में होली से पहले ही जमकर होली खेली। कैंपस में होली मनाते छात्र-छात्राओं के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीएचयू के मधुबन से लेकर कला संकाय तक होली की मस्ती का रंग हर किसी पर नजर आ रहा था।
28 फरवरी 2023 को जारी आदेश के मुताबिक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने छात्रों को परिसर के अंदर होली मनाने पर रोक लगा दी। आदेश में कहा गया है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को सूचित किया जाता है कि परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलना, शोर मचाना, संगीत बजाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
ऐसा करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाए, लेकिन शुक्रवार को छात्रों ने होली बैन के विरोध में यूनिवर्सिटी परिसर और अपने हॉस्टलों में जमकर होली खेली।
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और बीएचयू प्रशासन के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया। उन्होंने लिखा है, “होली पर प्रतिबंध, वह भी काशी में… ये परिपत्र है या कोई तुगलकी फरमान…!!
कहीं ये विश्वविद्यालय के नाम से “हिन्दू” शब्द हटाने की शुरुआत तो नहीं!” विनोद बंसल ने सवाल किया कि क्या होली हुड़दंग है।
उनका कहना है कि भोले की काशी और उसके भी शिक्षा मंदिर में “संगीत बजाना पूर्णतया प्रतिबंधित” है। आप नहीं मनाएं ये तर्क संगत है, लेकिन किसी और ने होली मनाई, तो कार्रवाई होगी। क्या ये न्याय संगत है, क्या जिहादी जामिया की राह चल पड़ा है। काशी का हिन्दू विश्वविद्यालय! उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को यह तुगलकी फरमान वापस लेना होगा।