रांची। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपने आवासीय कार्यालय में पूर्व आईएएस डॉ सुनील कुमार सिंह की पुस्तक ‘History Of Santal Pargans’ का लोकार्पण 10 मार्च को किया। इस अवसर पर डॉ सिंह के साथ क्राउन पब्लिकेशन के राजेन्द्र कुमार आर्य एवं सुभाष वर्मा भी उपस्थित थे।
इस पुस्तक में संथाल परगना की स्वायत्तता आंदोलन को छोड़कर प्राचीन काल से स्वतंत्रता काल तक के इतिहास को शामिल किया गया है। यह परिशिष्ट और ग्रन्थ सूची को छोड़कर तेरह अध्यायों में विभाजित है। प्रथम तीन अध्याय – प्राचीन, मध्य कालीन और ब्रिटिश कालीन इतिहास का वर्णन करते हैं।
इसके दो अध्याय संथाल विद्रोह 1855 और 1857 के विद्रोह पर समर्पित है। “दापिन-ए-कोह” शासन व्यवस्था के उद्भव और विकास पर अलग चर्चा की गई है। संथाल क्षेत्र में 1919-1947 के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन की भी व्याख्या की गई है। अन्य अध्यायों में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, संथाल अर्थव्यवस्था, संथाल समाज और संस्कृति के अलावे उस क्षेत्र में मिशन की उत्पत्ति, प्रगति और प्रभाव पर भी लिखा गया है।
इस पुस्तक का प्राक्कथन झारखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष स्व॰ अमिताभ चौधरी द्वारा लिखित है।
पुस्तक के लेखक डॉ सुनील कुमार सिंह सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इन्होंने राजस्व पर और राज्य के अन्य विषयों पर कई पुस्तकें लिखीं हैं। इस ग्रन्थ के प्रकाशक ‘क्राउन पब्लिकेशन्स’ है।