पटना। बड़ी खबर बिहार से आयी है। यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी से आक्रोशित उसके समर्थकों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया। इसके चलते करीब एक घंटे तक दिल्ली-काठमांडू राजमार्ग पर ट्रैफिक बाधित रहा। इस दौरान मनीष के समर्थकों ने आगजनी की और सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शन में सैकड़ों युवा शामिल हुए।
बता दें कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित हमले के फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप है। इसी मामले में बीते सप्ताह उसने सरेंडर किया था। इसके बाद उसका वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो पुलिस की गाड़ी में रोता हुआ दिखाई दे रहा था।
गिरफ्तारी को लेकर पहले से ही आक्रोशित उसके समर्थकों के बीच इस वीडियो ने आग में घी डालने का काम किया। नतीजतन, सोमवार को भारी संख्या में मोतिहारी में युवा सड़क पर उतर आए। इस दौरान मनीष कश्यप जिंदाबाद और सरकार विरोध नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मनीष को रिहा किया जाए।
प्रदर्शन कर रहे युवकों ने कहा कि मनीष कश्यप सच दिखाता है। बिहार में सुशासन नहीं, बल्कि जंगलराज है। यहां सही बोलने वाले को पकड़कर जेल में बंद कर दिया जा रहा है। इसके विरोध में हम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सड़क जाम करने वाले युवकों ने कहा कि सच दिखाने वाले को जेल में बंद करना प्रदेश में जंगलराज का प्रमाण है। सच बोलने पर आज मनीष को गिरफ्तार किया गया है, कल हमें भी किया जा सकता है।
बता दें कि मनीष कश्यप को पश्चिम चंपारण से गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पटना लेकर आ गई थी। यहां उससे पूछताछ करने के बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द तमिलनाडु पुलिस भी उसको ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के खिलाफ केस दर्ज हैं।
बिहार में यूट्यूबर के खिलाफ 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं। EOU के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप पेश नहीं हो रहा था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। पुलिस और ईओयू की टीमों ने लगातार आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन फिर भी वह हाजिर नहीं हुआ।
इस पर बीते शनिवार को कोर्ट के आदेश पर बेतिया स्थित महना डुमरी गांव में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में आरोपी मनीष कश्यप के घर को कुर्क करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद जिले के जगदीशपुर थाने में आरोपी ने सरेंडर कर दिया। यह कुर्की रंगदारी और शासकीय कार्य में बाधा मामले में की गई। दरअसल, साल 2021 में 31 मार्च को मनीष कश्यप ने एसबीआई की पारस पकड़ी ब्रांच के मैनेजर से रंगदारी मांगी थी। पुलिस की मानें तो मनीष के खिलाफ बेतिया में ही 7 मामले दर्ज हैं।
मनीष का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था। उसका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। वह खुद को ‘सन ऑफ बिहार’ बताता है। साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया।